सहरसा में ‘हांको रथ हम पान हैं’ आंदोलन का जनसैलाब: पान (तांति तत्व) समाज की हक और अधिकार की लड़ाई तेज

इंजीनियर आई.पी. गुप्ता, जो पान समाज के नेता के रूप में हर मंच पर अपनी आवाज बुलंद कर रहे हैं।

सहरसा में ‘हांको रथ हम पान हैं’ आंदोलन का जनसैलाब: पान (तांति तत्व) समाज की हक और अधिकार की लड़ाई तेज


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बिहार के सहरसा जिले में ‘हांको रथ हम पान हैं’ आंदोलन ने पान (तांति तत्व) समाज के लोगों को अपने अधिकारों के लिए संगठित किया है। इस आंदोलन की अगुवाई कर रहे हैं इंजीनियर आई.पी. गुप्ता, जो पान समाज के नेता के रूप में हर मंच पर अपनी आवाज बुलंद कर रहे हैं।

इस जनसैलाब ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि पान समाज अब चुप बैठने वाला नहीं है। नीतीश कुमार की सरकार पर आरोप है कि उन्होंने पान समाज के आरक्षण और अधिकारों को छीनने का प्रयास किया है। इसी के खिलाफ, ‘हांको रथ हम पान हैं’ आंदोलन ने बिहार की सड़कों पर संघर्ष छेड़ दिया है।

आई.पी. गुप्ता: पान समाज की आवाज

इंजीनियर आई.पी. गुप्ता का हर कार्यक्रम लाखों की भीड़ का गवाह बन रहा है। सहरसा की सभा इसका ताजा उदाहरण है, जहां पान समाज के लोग भारी संख्या में जुटे और अपने अधिकारों के लिए एकजुट होकर संघर्ष करने का संकल्प लिया। आई.पी. गुप्ता ने सभा को संबोधित करते हुए कहा:
"यह लड़ाई केवल आंदोलन की नहीं, बल्कि हमारे वजूद और पहचान की है। पान समाज को अब संगठित होकर अपने हक के लिए खड़ा होना होगा।"

नीतीश सरकार पर गंभीर आरोप

नीतीश कुमार की सरकार पान (तांति तत्व) समाज के अधिकारों को नजरअंदाज किया है और आरक्षण को समाप्त कर समाज के साथ अन्याय किया है। आंदोलनकारियों का कहना है कि यह अन्याय बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और यह आंदोलन तब तक जारी रहेगा, जब तक पान समाज को उसका हक वापस नहीं मिल जाता।

अशोक चौधरी का कार्यक्रम बनाम ‘हांको रथ हम पान हैं’ का जनसैलाब

सहरसा में हाल ही में नीतीश कुमार के करीबी मंत्री अशोक चौधरी का कार्यक्रम हुआ, जिसमें सीमित भीड़ नजर आई। वहीं दूसरी ओर, ‘हांको रथ हम पान हैं’ आंदोलन की सभा में जनसैलाब ने यह स्पष्ट कर दिया कि पान समाज अब अपनी लड़ाई को लेकर जागरूक हो चुका है।

आंदोलन की बढ़ती गूंज

‘हांको रथ हम पान हैं’ आंदोलन की गूंज न केवल बिहार में, बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी सुनाई देने लगी है। यह आंदोलन पान समाज के हक, आरक्षण और पहचान की लड़ाई का प्रतीक बन चुका है। आई.पी. गुप्ता का स्पष्ट संदेश है:
"हमारा संघर्ष तब तक जारी रहेगा, जब तक पान समाज को उसका अधिकार और सम्मान नहीं मिल जाता।"

आगामी रैलियों की तैयारी

इसके बाद 29 दिसंबर को पूर्णिया और 23 मार्च 2025 को पटना के गांधी मैदान में ऐतिहासिक रैली की तैयारी की जा रही है।

पान समाज का जनसैलाब: तस्वीरें सबकुछ कहती हैं

यह आंदोलन किसी राजनीतिक दल के समर्थन का कार्यक्रम नहीं है, बल्कि यह पान (तांति तत्व) समाज की आत्मा और संघर्ष की आवाज है। तस्वीरें साफ बताती हैं कि पान समाज अब अपने नेता, इंजीनियर आई.पी. गुप्ता के साथ खड़ा है और अपनी पहचान और अधिकार के लिए सड़कों पर संघर्षरत है।