छात्र और युवाओं को राजनीति में आना देश के लिए सुखद संकेत : मुकेश सहनी,निशांत, रौशन और प्रिया ने वीआईपी की सदस्यता ग्रहण की..क्या है रणनीति ?

छात्र और युवाओं को राजनीति में आना देश के लिए सुखद संकेत : मुकेश सहनी,निशांत, रौशन और प्रिया ने वीआईपी की सदस्यता ग्रहण की..क्या है रणनीति ?
छात्र और युवाओं को राजनीति में आना देश के लिए सुखद संकेत : मुकेश सहनी,निशांत, रौशन और प्रिया ने वीआईपी की सदस्यता ग्रहण की..क्या है रणनीति ?

NBL PATNA : विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के प्रदेश कार्यालय में मंगलवार को आयोजित मिलन समारोह में छात्र नेता निशांत सिंह, पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष (छात्र प्रकोष्ठ) , जदयू,  युवा नेता रौशन सहनी तथा प्रिया  सिंह ने अपने अपने सैकड़ों समर्थकों के साथ वीआईपी पार्टी की सदस्यता ग्रहण की।

वीआईपी पार्टी के संस्थापक और पूर्व मंत्री  मुकेश सहनी जी इन सभी को पार्टी की सदस्यता ग्रहण कराई। 

 सहनी ने इन युवाओं को पार्टी में स्वागत करते हुए कहा कि युवाओं का राजनीति में आना शुभ संकेत है। उन्होंने कहा कि आज वीआईपी की नीति और कार्यशैली के कारण ही युवाओं में वीआईपी के प्रति आकर्षण बढ़ा है। 

उन्होंने कहा कि आज अधिकांश युवा राजनीति में नहीं आना चाहते हैं, लेकिन आज वीआईपी की कार्यशैली से लोग प्रभावित हो रहे हैं। 

उन्होंने कहा कि पांच साल के अंदर वीआईपी ने बिहार में अपनी पहचान बनाई है, उन्होंने इसके लिए कार्यकर्ताओं का आभार जताया।

जदयू छात्र प्रकोष्ठ के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष निशांत सिंह ने कहा कि वीआईपी की कार्यशैली से प्रभावित होकर उन्होंने इस पार्टी की सदस्यता ग्रहण की। सामाजिक कार्यों में दिलचस्पी रखने वाले सिंह ने कहा कि उन्हे पार्टी में जो भी दायित्व मिलेगा उसका वे पालन करेंगे।

युवा नेता रौशन सहनी भी सामाजिक कार्यों से जुड़े रहे हैं। सामाजिक संस्था से जुड़े सहनी का मानना है कि मुकेश सहनी जी ने बिहार की सियासत को नई मंजिल दी है बल्कि नए ढर्रे पर लेकर आए हैं। उन्होंने कहा कि वे समाज के अंतिम पायदान पर खड़े लोगों की आवाज बने हैं। 

युवा नेत्री प्रिया सिंह ने भी आज वीआईपी का दामन थामा। प्रिया सिंह के पिता उमाशंकर सिंह  जे पी आंदोलन से जुड़े थे। प्रिया ने कहा कि श्री सहनी जी वह प्रारंभ से प्रशंसक रही है। उन्होंने पार्टी की सदस्यता दिलाने के लिए श्री सहनी का आभार जताया।

राष्ट्रीय प्रवक्ता देव ज्योति ने कहा कि जिस तरह से वीआईपी की लोकप्रियता बढ़ रही है उससे यह उम्मीद बढ़ी है कि आने वाले चुनावों में वीआईपी अपने ग्राफ को बहुत आगे ले जाएगी।