राजनीति में हो सकता है बड़ा फेर बदल -शुक्रवार को मांझी ने बुलाई कोर कमिटी की बैठक .. महागठबंधन पर ले सकते है बड़ा फैसला --क्या है सियासी सरगर्मी ?

राजनीति में हो सकता है बड़ा फेर बदल -शुक्रवार को मांझी ने बुलाई कोर कमिटी की बैठक .. महागठबंधन पर ले सकते है बड़ा फैसला --क्या है सियासी सरगर्मी ?
राजनीति में हो सकता है बड़ा फेर बदल -शुक्रवार को मांझी ने बुलाई कोर कमिटी की बैठक .. महागठबंधन पर ले सकते है बड़ा फैसला --क्या है सियासी सरगर्मी ?

NBL PATNA : बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी महागठबंधन छोड़ेंगे या नहीं इस पर शुक्रवार को अहम फैसला हो सकता है. हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) की कोर कमिटी की बैठक शुक्रवार को पटना में बुलाई गई है. सूत्रों के अनुसार पार्टी के नेताओं को 11 बजे दिन में जीतनराम मांझी के आवास पर आने कहा गया है. माझी के आवास पर ही बैठक होगी. हम के राष्ट्रीय अध्यक्ष के निर्देश पर बुलाई गई बैठक में पार्टी के भविष्य की रणनीतियों को लेकर अहम फैसला हो सकता है. हम के प्रधान महासचिव राजेश पाण्डेय ने यह बैठक बुलाई है.https://youtu.be/n5bB-Qm5WOU 

दरअसल, जीतनराम मांझी पिछले कुछ समय से लगातार अपने बयानों और राजनीतिक गतिविधियों से सियासी चर्चा के केंद्र में बने हुए हैं. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नीत बिहार की महागठबंधन सरकार के कई निर्णयों पर मांझी आपत्ति जताते रहे हैं. यहां तक कि शराबबंदी को लेकर वे कई बार नीतीश सरकार को घेर चुके हैं.https://youtu.be/n5bB-Qm5WOU उनके विवादित बयानों से कई बार नीतीश सरकार भी अलग अलग मोर्चों पर असहज हुई है. मांझी के इन्हीं बयानों के बीच हाल ही में नीतीश मंत्रिमंडल में शामिल राज्य के वित्त मंत्री और वरिष्ठ जदयू नेता विजय कुमार चौधरी ने दो बार जीतनराम मांझी से मुलाकात की. माना गया कि इन मुलाकातों के पीछे मूल कारण मांझी को महागठबंधन के साथ जोड़े रखना है

इस बीच हाल ही में जीतनराम मांझी के बेटे संतोष सुमन ने कहा था कि लोकसभा चुनाव में उनकी पार्टी 8 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है. संतोष के इस बयान को प्रेशर पोलिटिक्स के तौर पर देखा गया. कयासबाजी लगाई जाने लगी कि अगर नीतीश कुमार नीत महागठबंधन ने जीतनराम मांझी की पार्टी को लोकसभा चुनाव में ठीकठाक सीटें नहीं दी तो जीतनराम मांझी एनडीए में जा सकते हैं.

एक दिन पहले ही जीतनराम मांझी ने राज्यपाल से मुलाकात की. उन्होंने राज्य की शिक्षा व्यवस्था के मुद्दे पर राज्यपाल से मुलाकात की लेकिन माना गया कि यह भी एक प्रेशर पोलिटिक्स ही है. हालांकि इस दौरान मीडिया से बात करते हुए जीतनराम मांझी ने कहा कि वे नीतीश कुमार के साथ ही रहेंगे. लेकिन, उन्होंने यह भी कहा कि 23 जून को होने वाली विपक्षी दलों की बैठक में शामिल होने के लिए उन्हें अब तक बुलावा नहीं आया है. तमाम राजनीतिक घटनाक्रमों के बीच अब अचानक से हम की कोर कमिटी की बैठक बुलाना किसी महत्वपूर्ण निर्णय की ओर संकेत दे रहा है. सूत्रों के अनुसार आज की बैठक में आने वाले समय के लिए पार्टी क्या रणनीति अपनाये इस पर चर्चा हो सकती है.