अब आमरण अनसन पे बैठेगी जंतर मंतर उठाए गए पहलवान -बोले मेडल को गंगा में बहा देंगे , क्या है पूरा मुद्दा ?

अब आमरण अनसन पे बैठेगी जंतर मंतर उठाए गए पहलवान -बोले मेडल को गंगा में बहा देंगे , क्या है पूरा मुद्दा ?
अब आमरण अनसन पे बैठेगी जंतर मंतर उठाए गए पहलवान -बोले मेडल को गंगा में बहा देंगे , क्या है पूरा मुद्दा ?

NBL PATNA : कुश्ती संघ के अध्यक्ष और बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ राजधानी दिल्ली के जंतर-मंतर पर प्रदर्शन कर रहे पहलवानों को रविवार को हिरासत में ले लिया गया था. जिसके बाद सोमवार रात सभी पहलवानों को रिहा किया गया. जिसके बाद पहलवानों ने कहा कि वे अपने मैडल गंगा में बहाने जा रहे है.

बता दें पहलवान बजरंग पूनिया, विनेश फोगाट और साक्षी मलिक ने सोशल मीडिया पर बयान जारी कर कहा, ''इन मेडलों को हम गंगा में बहाने जा रहे हैं, क्योंकि वह गंगा मां हैं. जितना पवित्र हम गंगा को मानते हैं, उतनी ही पवित्रता से हमने मेहनत कर इन मेडलों को हासिल किया था.''

पहलवानों ने अपने बयान में कहा कि 28 मई को जो हुआ वह आप सबने देखा, पुलिस ने हम लोगों के साथ क्या व्यवहार किया? हमें कितनी बर्बरता से गिरफ्तार किया. हम शांतिपूर्ण आंदोलन कर रहे थे. हमारे आंदोलन की जगह को भी पुलिस ने तहस नहस कर हमसे छीन लिया और अगले दिन गंभीर मामलों में हमारे ऊपर ही FIR दर्ज कर दी गई. क्या महिला पहलवानों ने अपने साथ हुए यौन उत्पीड़न के लिए न्याय मांगकर कोई अपराध कर दिया है? पुलिस और तंत्र हमारे साथ अपराधियों जैसा व्यवहार कर रही है. जबकि आरोपी खुली सभाओं में हमारे ऊपर फबतियां कस रहा है. टीवी पर महिला पहलवानों को असहज कर देनी वाली अपनी घटनाओं को कबूल करके उनको ठहाकों में तब्दील कर रहा है.

साथ ही पहलवानों ने कहा, मेडल हमारी जान हैं, हमारी आत्मा हैं. इनके गंगा में बह जाने के बाद हमारे जीने का भी कोई मतलब रह नहीं जाएगा. इसलिए हम इंडिया गेट पर आमरण अनशन पर बैठ जाएंगे. इंडिया गेट हमारे उन शहीदों की जगह है जिन्होंने देश के लिए अपनी देह त्याग दी. हम उनके जितने पवित्र तो नहीं हैं लेकिन अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर खेलते वक्त हमारी भावना भी उन सैनिकों जैसी ही थी. अपवित्र तंत्र अपना काम कर रहा है और हम अपना काम कर रहे हैं, अब लोगों को सोचना होगा कि वह अपनी इन बेटियों के साथ खड़े हैं या इन बेटियों का उत्पीड़न करने वाले उस तेज सफेदी वाले तंत्र के साथ. आज शाम 6 बजे हम हरिद्वार में अपने मेडल गंगा में प्रवाहित कर देंगे. इस महान देश के हम सदा आभारी रहेंगे.