के . के पठाक के समर्थन में उतरे लोग ,चंद्रशेखर की बढ़ी बेचैनी .. क्या है पूरा मामला ?

के . के  पठाक के समर्थन में उतरे लोग ,चंद्रशेखर की बढ़ी बेचैनी .. क्या है पूरा मामला ?
के . के  पठाक के समर्थन में उतरे लोग ,चंद्रशेखर की बढ़ी बेचैनी .. क्या है पूरा मामला ?

NBL PATNA: कड़क आईएएस अफसर केके पाठक इन दिनों काफी सुर्खियों में हैं. शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर के पीत पत्र के जवाब में अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने मंत्री के पीएस को शिक्षा विभाग में घुसने पर रोक लगा दी. साथ ही मंत्री चंद्रशेखर की भी अपरोक्ष तौर पर जमकर खबर ली. विवादित बयानों और विभाग के अंदर विवादित निर्णय को लेकर चर्चा में आए शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर पर केके पाठक के प्रहार से बिहार की राजनीतिक तपिश बढ़ गई है. मंत्री-सचिव विवाद में कुछ नेता अफसर के पक्ष में खड़े हैं तो कई मंत्री के साथ दिख रहे. नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू कोटे के मंत्री व नेता शिक्षा मंत्री की बजाय अफसर केके पाठक के पक्ष में खड़े दिख रहे. राजद अपने मंत्री के पक्ष में है. जबकि मुख्य विपक्षी पार्टी भाजपा नेता दोनों पर प्रहार कर रहे. इस बीच केके पाठक के पक्ष में बिहार की आम जनमानस खड़ी होती दिख रही है. प्रबुद्ध वर्ग के लोग कड़क अफसर केके पाठक के साथ दिख रहे हैं. कहा जा रहा है कि सुशासन राज स्थापित करने के लिए ऐसे अफसर की जरूरत है.लिहाजा के.के. पाठक जैसे अफसर का समर्थन जरूरी है.

शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के.के. पाठक शिक्षा व्यवस्था में सुधार को लेकर दिन रात मिहनत कर रहे. बेपटरी हो चुके सूबे सरकारी स्कूलों को पटरी पर लाने को लेकर कड़ी मिहनत कर रहे. इसके लिए कई निर्णय लिए हैं. सबसे पहले विद्यालयों में शिक्षक मौजूद रहे, बच्चों को मध्याहन भोजन व अन्य सरकारी योजनाओं का लाभ मिले इसके लिए जांच टीमों की फौज उतार दिया है. खुद भी फील्ड में निकल गए हैं. इसके साथ ही व्यवस्था में सुधार को कई निर्णय लिए हैं. इस बीच शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर अपने विभाग के अपर मुख्य सचिव के.के पाठक से भिड़ते नजर आ रहे हैं. शिक्षा मंत्री ने इस बात के लिए पीत पत्र लिख दिया कि केके पाठक इन दिनों मीडिया की सुर्खियां बटोर रहे. पीत पत्र के बाद ही विवाद और गहरा गया. बिहार के वरिष्ठ पत्रकार सुरेंद्र किशोर कहते हैं कि सुशासन के लिए के.के.पाठक जैसे आई.ए.एस. अफसरों का समर्थन जरूरी है. जनता दल यू ने आई.ए.एस.अफसर के.के.पाठक का पक्ष लेकर अच्छा काम किया है। इससे जदयू की छवि बेहतर हुई है।अच्छी मंशा वाले आम लोगों को भी राहत मिली है।