प्रधानमंत्री के हाथों संसद के नए भवन का उद्घाटन कराने का फैसला लोकतंत्र पर सीधा हमलाः बशिष्ठ नारायण सिंह

प्रधानमंत्री के हाथों संसद के नए भवन का उद्घाटन कराने का फैसला लोकतंत्र पर सीधा हमलाः बशिष्ठ नारायण सिंह
प्रधानमंत्री के हाथों संसद के नए भवन का उद्घाटन कराने का फैसला लोकतंत्र पर सीधा हमलाः बशिष्ठ नारायण सिंह


राज्यसभा के वरिष्ठ सदस्य एवं बिहार जदयू के पूर्व अध्यक्ष श्री बशिष्ठ नारायण सिंह ने आज जदयू मुख्यालय में विभिन्न जिलों से आए कार्यकर्ताओं से मुलाकात की। इस दौरान प्रदेश अध्यक्ष श्री उमेश सिंह कुशवाहा, पूर्व मंत्री श्री जय कुमार सिंह, विधानपार्षद श्री संजय कुमार सिंह उर्फ गांधीजी, प्रदेश महासचिव श्री लोकप्रकाश सिंह, प्रदेश सचिव सुश्री विनीता स्टेफी पासवान, डाॅ0 अमरदीप, श्री प्रवीण तिवारी, मो0 अताउर रहमान अंसारी, श्रीमती सुनीता यादव आदि मौजूद रहे।  
इस दौरान प्रेस के साथियों से बात करते हुए श्री बशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि 19 पार्टियों द्वारा संसद के नए भवन के उद्घाटन समारोह का बहिष्कार करने का निर्णय लेना साधारण बात नहीं। यह अत्यंत गंभीर और विचारणीय मुद्दा है। केन्द्र की मौजूदा सरकार ने संसद से लोकतंत्र की आत्मा को ही निकाल दिया है। राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू की जगह प्रधानमंत्री के हाथों संसद के नए भवन का उद्घाटन कराने का फैसला लोकतंत्र पर सीधा हमला है। कहना गलत नहीं होगा कि देश अघोषित तानाशाही की ओर जा रहा है।
श्री बशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि कुछ दिनों पहले भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने बिहार आकर क्षेत्रीय दलों का अस्तित्व खत्म होने की बात कही थी। उनका यह बयान भाजपा की उस मानसिकता को दर्शाता है जिससे वह देश को चलाना चाहती है। भारत जैसे विशाल और विविध संस्कृतियों वाले देश में क्षेत्रीय पार्टियों का और मजबूत विपक्ष का होना समय की आवश्यकता है, जिसे भाजपा नकारना चाहती है। यह आश्चर्यजनक और दुखद है।
श्री बशिष्ठ नारायण सिंह ने आगे कहा कि मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार एक बड़े दायित्व का पालन करने का प्रयास कर रहे हैं। केन्द्र की मौजूदा सरकार जिस राह पर चल रही है, उस पर आगे बढ़ने से उसे रोकना पूरे विपक्ष के लिए बड़ी चुनौती है। विपक्षी एकता आज देश की आवश्यकता है और अब सभी दल इसे महसूस करने लगे हैं। श्री नीतीश कुमार की मुहिम बहुत जल्द बड़ा रूप लेने जा रही है।