आरा : प्लस टू विद्यालय के लिपिक अनियमितता के आरोप में गये जेल...
आरा : प्लस टू उच्च विद्यालय बिराहिमपुर के लिपिक विनोद कुमार सिंह अंततः जेल के सलाखों के अंदर पहुंच ही गये। शनिवार को बड़हरा थाना पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार किया। लम्बे समय से इस विद्यालय में लिपिक के पद पर कार्यरत विनोद का संबंध हमेशा विवादों से जुड़ा रहा है।
उन पर मैट्रिक पंजीयन, रजीस्ट्रेशन, नामांकन, परीक्षा फार्म, वित्तीय गतिविधियों, कार्यालयी रिकॉर्ड संधारण, रिपोर्टिंग, लेखा-जोखा में पारदर्शी नहीं रहने का आरोप लगता रहा था। उनके खिलाफ विद्यालय प्रशासन ने कई बार वरीय अधिकारियों से लिखित शिकायत भी किया करता था। मगर इस पर माकूल कार्रवाई नहीं होती थी। इधर वर्तमान प्रभारी प्रधानाध्यापिका डॉ चन्दा रानी ने 1 फरवरी 2023 को विद्यालय में पदस्थापित होकर कार्यभार लिया। तब विद्यालय का पूरा लेखा-जोखा, पंजी, रिकार्ड्स, वित्तीय हिसाब जानना चाहा, तो स्थित देख दंग रह गई।
आरोप है कि प्रधानाध्यापिका को विद्यालय से संबंधित किसी प्रकार की जानकारी लिपिक विनोद द्वारा नहीं दी जाती थी। इस बारे में प्रधानाध्यापिका डाॅ चन्दा रानी ने शिक्षा विभाग के वरीय अधिकारियों से शिकायत की। जिसपर डीपीओ रोहित कुमार चौरसिया ने संज्ञान में लेते हुए विद्यालय में शिक्षकों व लिपिक की उपस्थिति में बैठक कराकर मामले का समाधान कराने का प्रयास किये। तब लिपिक विनोद ने दस दिनों के अंदर सारा कागजात व लेखा-जोखा सौंपने का मौखिक आश्वासन भी दिया। इसके बाद भी मामला ज्यों का त्यों रहा। अंततः प्रभारी प्रधानाध्यापिका ने विभाग का लिखित आदेश प्राप्त करने के बाद लिपिक पर बड़हरा थाना में विभिन्न बिन्दुओं के संदर्भ में प्राथमिकी दर्ज कराया।
जिसके उपरांत लिपिक को गिरफ्तार कर पुलिस ने सलाखों के अंदर पहुंचा दिया। इस मामले के संबंध में प्रभारी एच एम डाॅ चन्दा रानी ने बताया कि लिपिक विनोद पिछले लगभग दस महीनों से निलंबित भी था। जिसे बिहिंया में योगदान करना था, परन्तु यदा-कदा बिराहिमपुर-करजा विद्यालय में आता-जाता था। वर्ष 2022 में मैट्रिक के रजिस्ट्रेशन के लिए तकरीबन 300 छात्र-छात्राओं से शुल्क लिया। जिसमें से आधे छात्रों का शुल्क शिक्षा विभाग के बैंक खाता में जमा ही नहीं किया। जिससे करीब 164 छात्र-छात्राएं रजिस्ट्रेशन से वंचित रह गये।