आरा : परीक्षाओं में जालसाजी करनेवाले गिरोह के चार अपराधी चढ़े पुलिस के हत्थे...
आरा : नौकरी दिलाने के नाम पर विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में फर्जीवाड़ा करने वाला अंतरराज्यीय गैंग पकड़ाया है। भोजपुर जिले के आरा शहर में गिरफ्तार होने वालों में सिवान जिले का शंकर कुमार साह, सारण जिले के छपरा का उदय कुमार ओझा, भोजपुर जिले के चांदी गांव का नाम संदीप कुमार व पंकज कुमार है। आरा में टाउन थाने की पुलिस ने इन चारों से पूछताछ करने के बाद उन्हें जेल भेज दिया है।
टाउन थाना के थानाध्यक्ष संजीव कुमार ने बताया कि धनुपरा के पास चारों शातिर इकट्ठा होकर कई अभ्यर्थियों से परीक्षा उत्तीर्ण कराने के लिए सर्टिफिकेट ले रहे थे। गैंग के सदस्यों द्वारा कहा जा रहा था कि अभी पैसा नहीं है, तो सर्टिफिकेट जमा कर दो। रिजल्ट आने के बाद तुम्हें पैसा देना होगा।
स्थानीय प्रशासन-पुलिस को इस बात की जानकारी मिली। इसके बाद एक स्कूल के पास धनपुरा के समीप छापेमारी की गई। इस दौरान चारों साथी गिरफ्तार किए गए। इनके पास एक रजिस्टर मिला। जिसमें भोजपुर जिले सहित कई जिलों के अभ्यर्थियों के नाम एवं पता अंकित है। किन अभ्यर्थियों से कितना पैसा लिया गया है एवं कितना राशि लेना है इसका जिक्र उस रजिस्टर में है।
चांदी के पंकज कुमार के मोबाइल पर कई अभ्यर्थियों से लेनदेन का व्हाट्सएप चैट भी किया गया है। इसके साथ ही कई प्रतियोगी परीक्षाओं के प्रश्न पत्र एवं उसका उत्तर गिरोह के अन्य साथियों के साथ लेनदेन किया गया है।
फिलहाल इसके क्लू 20 अगस्त को हुई केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा सीटीईटी- 2023 से जुड़ रहा है। इस गिरोह का संचालन भागलपुर से हो रहा है। प्रत्येक जिले में इस गैंग के दो-दो एजेंट हैं। जो अभ्यार्थियों एवं उनके अभिभावकों से लाखों रुपए की पैसे की वसूली कर रहे हैं। कई अभिभावकों से बैंकों का ब्लैंक चेक भी लिया गया है। जिन अभ्यर्थियों के पास पैसा नहीं था, उसके एवज में सर्टिफिकेट लेकर परीक्षा उत्तीर्ण कराने की जिम्मेदारी गैंग ने ली है।
भोजपुर पुलिस के अनुसार बिहार के तीन जिलों के चार शातिर व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है। इनमें दो भोजपुर जिला, एक गोपालगंज जिला और एक सिवान जिला का रहने वाला है। इस गैंग का संचालन भागलपुर से किया जाता है। विभिन्न जिलों में एजेंट को रखा गया है।
जब गिरोह के चारों सदस्यों से कड़ी पूछताछ की गई, तो उन्होंने इस गिरोह का संचालन भागलपुर से होने की बात स्वीकार की है। बताया कि भागलपुर का मनीष कुमार इस गिरोह का संचालन कर रहा है। बिहार सहित उत्तर प्रदेश के तमाम जिलों में इस गिरोह के सदस्यों द्वारा अभ्यर्थियों से राशि की वसूली की जा रही है। पहले पैसा नहीं देने वालों अभ्यर्थियों का सर्टिफिकेट जमा किया जा रहा है, ताकि रिजल्ट आने के बाद उनसे राशि की वसूली की जा सके।