चिराग पासवान ने आरा से फूंका चुनावी बिगुल, देहाती ठाट और मूंछ के ताव ने लूटी महफिल...

चिराग पासवान ने आरा से फूंका चुनावी बिगुल, देहाती ठाट और मूंछ के ताव ने लूटी महफिल...

आरा : आरा के वीर कुंवर सिंह स्टेडियम में रविवार को लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) की ओर से आयोजित नव संकल्प महासभा में केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने भव्य शिरकत की। यह महासभा राजनीतिक दृष्टिकोण से बेहद अहम मानी जा रही है, जहां चिराग पासवान ने विधानसभा चुनाव को लेकर अपने इरादे स्पष्ट करते हुए चुनावी बिगुल फूंक दिया।कार्यक्रम की शुरुआत चिराग पासवान के भव्य स्वागत से हुई।

पार्टी नेताओं ने उन्हें करीब 25 किलो की फूलों की माला पहनाकर जोरदार स्वागत किया। मंच पर चढ़ते ही चिराग ने अपने खास खाटी देहाती ठाट जवानी के अंदाज़ में मूंछ पर ताव देते हुए वीर कुंवर सिंह की धरती से अपने राजनीतिक संकल्प को बुलंद किया तो वहां मौजूद हजारों की संख्या में जुटी भीड़ ने तालियों की गड़गड़ाहट से उनका भरपूर स्वागत किया।चिराग का यह अनोखा अंदाज़ लोगों को खूब भाया। मंच पर उनकी मूंछ पर ताव देने की शैली और आत्मविश्वास से लबरेज बॉडी लैंग्वेज ने उनके समर्थकों के बीच जोश भर दिया। लोग सोशल मीडिया से लेकर मैदान तक चिराग के स्टाइल की चर्चा करने लगे।

कई कार्यकर्ताओं और समर्थकों ने कहा कि चिराग पासवान ने यह दिखा दिया कि वह न सिर्फ एनडीए गठबंधन में मजबूती से टिके हुए हैं, बल्कि अगली विधानसभा में बड़ी भूमिका निभाने की तैयारी में हैं।महासभा में चिराग पासवान ने पार्टी की नीतियों, विकास की प्राथमिकताओं और बिहार के युवाओं के लिए अपने सपनों का खाका भी पेश किया। उनके भाषण में जहां राजनीतिक धार थी, वहीं उनका आत्मविश्वास लोगों को खासा प्रभावित कर गया।नव संकल्प महासभा चिराग पासवान के राजनीतिक करियर का एक और मजबूत अध्याय बनकर उभरी है जहां उन्होंने न केवल एनडीए के भीतर अपनी उपस्थिति का एहसास कराया बल्कि जनता के बीच भी एक बार फिर अपनी पकड़ मजबूत कर ली है।

नव संकल्प महासभा को लेकर रविवार को आरा के ऐतिहासिक रमना मैदान के वीर कुंवर सिंह स्टेडियम में लोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान पहुंचे। जहां लोजपा के कार्यकर्ताओं ने चिराग पासवान का फूल और मालाओं से जोरदार स्वागत किया गया। कार्यक्रम के दौरान चिराग पासवान ने कहा कि मैं बिहार के एनडीए के साथ 243 सीटों पर चुनाव लडूंगा।

बिहार से नहीं मैं बिहार के लिए चुनाव लडूंगा। मैं अपने प्रदेश को भारत का नंबर वन प्रदेश बनाऊंगा। आप लोगों को घर-घर जाकर बिहार फर्स्ट बिहारी फर्स्ट के बारे में बताना होगा। वहीं चिराग पासवान ने कहा कि मेरे अपनों ने ही मुझे घर से बाहर निकाल दिया। ऐसे जनता ही मेरा परिवार है। ऐसे में अब ये फैसला भी आपको ही लेना है कि चिराग पासवान चुनाव लड़े, तो कहां से लड़े। विपक्षी भूल गए है कि मैं शेर का बेटा हूं। मेरी पार्टी खत्म करने की साजिश रची गई। 

चिराग पासवान ने कहा कि पूछने की जरूरत है राहुल जी से आप बताइए कि आपके जमाने में बिहार क्या था। हम लोग जब-जब नाराज की बात करते हैं। तो जंगल राज्य में सिर्फ लालू जी के 15 साल के शासन नहीं था। जंगल राज के वक्त कांग्रेस का भी शासन उसमें समाहित था। जिन्होंने दलित और शोषितों को आवाज देने का काम किया। जिन्होंने सही मायने में सामाजिक न्याय की व्यवस्था को बल देने का काम किया और कांग्रेस ने क्या किया कर्पूरी ठाकुर जी की सरकार को हटाकर अपना जंगल राज लाने का काम किया। 

चिराग पासवान ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि 77 के दशक में जब कर्पूरी ठाकुर जी एक बार फिर बिहार के मुख्यमंत्री बने और जनता की सरकार आई, तो कांग्रेस ने 80 के दशक में उनको सत्ता से बाहर कर के अपना मुख्यमंत्री बनाने का काम किया और जो लोग उस दशक के है उस पीढ़ी के मौजूद हैं। उन लोगों को याद होगा और यह मौजूदा पीढ़ी को जानना जरूरी है। 80 के दशक में जब कांग्रेस की सरकार थी तो हमारे प्रदेश में एक से एक बड़े नरसंहार हुए एक के बाद एक दलित पिछड़ों को गोलियों से भूनने का काम किया।