जेएसएससी पेपर लीक मामले में झारखंड पुलिस ने सरगना अमन सिंह को आरा से किया गिरफ्तार, पास से मिले CGL के कई एडमिट कार्ड...
आरा : झारखंड स्टाफ सेलेक्शन कमीशन (JSSC) ने कंबाइंड ग्रेजुएट लेवल (CGL) पेपर लीक मामले में बिहार के आरा से सरगना अमन सिंह को बीते गुरुवार (11 जुलाई) को गिरफ्तार कर लिया गया है। पूछताछ के क्रम में अमन सिंह के द्वारा अपने गिरोह का खुलासा करते हुए कई अहम जानकारियां दी गई हैं। साथ ही परीक्षा में पेपर लीक करने की बात स्वीकर की है। अमन सिंह के पास से बरामद मोबाइल में जेएसएससी (सीजीएल) परीक्षा सहित कई अन्य परीक्षाओं के अभ्यर्थियों के प्रवेश पत्र (एडमिट कार्ड), एकेडमिक दस्तावेज और परीक्षा में कदाचार कराने के एवज में कई ट्रांजेक्शन डिटेल प्राप्त हुए हैं।
अमन सिंह द्वारा झारखंड सीजीएल परीक्षा पेपर लीक मामले में शामिल अन्य कई लोगों की संलिप्तता संबंधी जानकारी उपलब्ध करायी गयी है। पुलिस के अनुसार, जिनके विरूद्ध साक्ष्य जुटाकर आगे की कार्रवाई की जा रही है।
गिरफ्तार अमन भोजपुर जिले के उदवंतनगर थाना के जैतपुर गांव निवासी उमेश कुमार सिंह का पुत्र है। उसके पास से लैपटॉप, मोबाइल फोन, यूनियन बैंक व एक्सिस बैंक का डेबिट कार्ड बरामद किया गया है। पुलिस को उसके मोबाइल फोन और लैपटॉप में सीजीएल परीक्षा की आंसर शीट और कई अभ्यर्थियों के एडमिट कार्ड, एकेडमिक दस्तावेज और परीक्षा में कदाचार कराने के कई ट्रांजेक्शन की जानकारी रांची की पुलिस को मिली है।
झारखंड कर्मचारी चयन आयोग की ओर से 28 जनवरी को राज्य के 735 केंद्रों पर सीजीएल के लिए परीक्षा आयोजित की गई थी। उसी दिन आयोग को ईमेल के जरिए पेपर लीक होने की सूचना प्राप्त हुई थी। अगले दिन 29 जनवरी को जेएसएससी की अधिकारी मधुमिता कुमारी के बयान पर नामकुम थाने में इस मामले को लेकर प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी।
जांच के क्रम में पुलिस ने पूरे प्रकरण के मास्टरमाइंड झारखंड विधानसभा के अवर सचिव सज्जाद इमाम उर्फ मो. शमीम और उसके दो पुत्रों शाहनवाज हसन व शहजादा इमाम सहित सात लोगों को गिरफ्तार किया था।
झारखंड कर्मचारी चयन आयोग की 28 जनवरी को हुई सीजीएल परीक्षा के प्रश्न पत्र लीक करने के मामले में परीक्षा लेने वाली एजेंसी को काली सूची में डालने के आदेश को सही बताते हुए एजेंसी की याचिका खारिज कर दी गई है। गुरुवार को अदालत ने एजेंसी को डिबार करने के जेएसएससी के आदेश को सही बताया। इस संबंध में परीक्षा लेने वाली एजेंसी सैटेवेट इंफोसोल ने याचिका दायर की थी।