राघोपुर की सियासी जंग तेज: राकेश रोशन BJP में शामिल — तेजस्वी के लिए कड़ी टक्कर तय !

उत्तर बिहार की अहम सीट राघोपुर से अब सियासी बाउंसर बढ़ गया है — स्थानीय प्रभावशाली राजपूत नेता राकेश रोशन अपने सैकड़ों समर्थकों के साथ भाजपा में शामिल हो गए हैं। पार्टी का दावा: तेजस्वी यादव को हराना अब और मजबूत इरादे से किया जाएगा।

राघोपुर की सियासी जंग तेज: राकेश रोशन BJP में शामिल — तेजस्वी के लिए कड़ी टक्कर तय !
पटना, 1 नवंबर 2025 — बिहार के प्रमुख सियासी घमासान वाले राघोपुर में आज नया मोड़ आया है — स्थानीय राजपूत नेता राकेश रोशन अपने सैकड़ों समर्थकों के साथ भारतीय जनता पार्टी (BJP) में शामिल हुए। इस कार्यक्रम में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. दिलीप जायसवाल ने उन्हें औपचारिक सदस्यता दिलाई और कहा कि राघोपुर में विपक्षी दलों की घेराबंदी की जाएगी। क्या है मामला और क्यों है यह अहम? राघोपुर विधानसभा सीट वर्षों से राजनीतिक तौर पर संवेदनशील मानी जाती रही है —यह लालू-परिवार और RJD का किला रहा है, जहां से नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव सीधे चुनाव लड़ रहे हैं। ऐसे में उत्तर बिहार में राजपूत वोटों पर पकड़ बनाने के उद्देश्य से BJP ने राकेश रोशन को अपने साथ जोड़ने का बड़ा दांव खेला है। पार्टी स्रोतों का मानना है कि राकेश रोशन की लोकप्रियता और उनके जनाधार से तेजस्वी की जंग और कठिन होगी। राकेश रोशन का राजनीतिक बैकग्राउंड: राकेश रोशन पिछले चुनावों में राघोपुर से नामांकन कर चुके हैं और 2020 में उन्होने LJP के टिकट पर चुनाव लड़ा था, तब उन्हें 25,000 से अधिक वोट मिले थे जो दिखाता है कि उनके समर्थक क्षेत्र में मजबूत हैं। उनके पिता स्व. बृजनाथ सिंह का भी राजपूत समाज में बड़ा प्रभाव था; उनकी शहादत और स्मरण आज भी समाज में उन्हें सशक्त पहचान देती है। BJP का बयान और रणनीति: भाजपा नेतृत्व ने सार्वजनिक रूप से कहा है कि राघोपुर जैसी सीटों पर मजबूत स्थानीय चेहरे जोड़ने से विपक्षी पोलेशन तोड़े जा सकते हैं और एनडीए का लक्ष्य तेजस्वी यादव को हराना है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने इस शामिल होने को राघोपुर की राजनीतिक तस्वीर बदलने वाला बताया। राजनीतिक विश्लेषण — इसका असर क्या होगा? विश्लेषकों का कहना है कि राघोपुर जैसी सीटें जहां यादव बहुल हैं, वहाँ राजपूत वोट निर्णायक भूमिका निभा सकते हैं—अगर राजपूत नेतृत्व एकजुट होकर किसी प्रत्याशी के लिए खड़ा हो जाए तो मतो का पैंडुलम सरेआम झुक सकता है। राकेश रोशन का BJP में जाना इसलिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि इससे उत्तर बिहार के राजपूत वोटों में परिवर्तन की संभावना बढ़ सकती है और यह तेजस्वी के लिए चुनौती और कड़ी कर सकता है। हालांकि असली असर तभी स्पष्ट होगा जब गठबंधन-रणनीति और उम्मीदवार फॉर्मेटिंग अंतिम रूप लेगी। RJD / तेजस्वी की प्रतिक्रिया: अब तक तेजस्वी यादव या RJD की तरफ से इस शामिल होने पर कोई औपचारिक प्रतिक्रिया प्रमुख मीडिया पर प्रकाशित नहीं हुई है। (यदि बाद में कोई आधिकारिक बयान आएगा तो इसे अपडेट किया जाएगा।) नोट: यह घटना बिहार चुनावी नक्शे पर एक नया आयाम जोड़ती है — राघोपुर पर नजरें अब और तीव्र होंगी क्योंकि दोनों ओर से जमीनी जन-आधार पर तगड़ी मुठभेड़ की सम्भावना है।