राजनीति के अजातशत्रु और सर्वप्रिय नेता थे अटल जी: मुकेश सहनी

राजनीति के अजातशत्रु और सर्वप्रिय नेता थे अटल जी: मुकेश सहनी
राजनीति के अजातशत्रु और सर्वप्रिय नेता थे अटल जी: मुकेश सहनी

NBL PATNA : देश की राजनीति में जो स्थान पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी बाजपेई का है, वह स्थान बहुत ही कम नेताओं को नसीब हुआ है। अटल जी राज धर्म का पालन करने वाले और सबको साथ लेकर चलने वाले नेता थे। यही कारण है कि उनके उनका कोई भी विरोधी नहीं हुआ। इसी कारण से उनको भारतीय राजनीति का आजाद शत्रु भी कहा जाता है।

यह बातें विकासशील इंसान पार्टी के प्रमुख और बिहार सरकार के पूर्व मंत्री मुकेश साहनी ने बुधवार को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई की पुण्यतिथि पर उनको नमन करते हुए कही।

मुकेश सहनी ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेई ने एक तरफ जहां देश में राजनीति के मापदंड को बनाकर रखा वहीं दूसरी तरफ उन्होंने देश की प्रगति के लिए भी अहम और जरूरी कदम उठाए। देश को पोखरण का वह परमाणु परीक्षण भी याद है जब अटल जी ने भारत को महाशक्ति बनाने की तरफ एक कदम और बढ़ाया और दुनिया के तमाम ताकतवर देश को दरकिनार करते हुए भारत की मजबूती को सबसे ऊपर रखा और परमाणु परीक्षण करके सबको चौंका दिया।

मुकेश सहनी का यह भी कहना था कि देश की राजनीति में अटल जी से तमाम पार्टियों के वैचारिक मतभेद हो सकते थे लेकिन निजी तौर पर तमाम पार्टियों के बड़े नेता अटल जी के अच्छे दोस्त थे, और यही अटल जी के महान व्यक्तित्व को दर्शाता है। मुकेश सहनी ने यह भी कहा कि अटल जी को बिहार से विशेष लगाव था। वह बिहार के विशेष व्यंजन लिट्टी चोखा और दाल भात को भी बहुत पसंद करते थे।

वहीं विकासशील इंसान पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता देव ज्योति ने कहा कि अटल जी की महानता को इसी बात से समझा जा सकता है कि भले ही वह भारतीय जनता पार्टी के शीर्ष नेता के रूप में स्थापित थे लेकिन दूसरे दलों में भी उनके चाहने वाले नेताओं की कमी नहीं थी। दूसरे दलों के तमाम नेता अटल जी को पसंद करते थे।