भोजपुर पुलिस को मिली बड़ी कामयाबी, फोर व्हीलर चोरी करने वाले 5 गिरफ्तार, कई गाड़ियां बरामद...
आरा : भोजपुर पुलिस ने अंतरराज्यीय वाहन चोर गिरोह का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने गैंग के पांच अपराधियों को गिरफ्तार किया है। इसके अलावा चोरी की पांच गाड़ियां भी बरामद की गई है। इसमें चार स्कार्पियो और एक कार है। गैंग के सदस्यों के पास से करीब दर्जन भर से अधिक फर्जी मुहर और गाड़ी के ऑनर बुक के अलावा दस्तावेज बरामद किए गए है। परिवहन और इंश्योरेंस विभाग के कर्मियों की मिलीभगत से कागजात तैयार कर खरीद-बिक्री किए जाने की बातें शुरुआती जांच में सामने आ रही है।
गिरफ्तार अपराधियों में नवादा थाना क्षेत्र के ओवरब्रिज स्थित रेलवे गुमटी के पास रहने वाला धर्मेंद्र कुमार, जगदीशपुर थाना के मुंशी टोला निवासी विनोद कुमार, बिहिया निवासी पिंटू कुमार, रंजीत कुमार और बक्सर के नया भोजपुर निवासी मो. अमजद शामिल हैं। सभी को आरा नवादा और बिहिया थाना क्षेत्र से गिरफ्तार किया गया है। मूल रूप से बक्सर जिले के ब्रह्मपुर गांव निवासी धर्मेंद्र कुमार गिरोह का सरगना बताया जा रहा है। वह किसी इंश्योरेंस कंपनी में काम करता है।
इसकी जानकारी एसपी प्रमोद कुमार ने शनिवार को प्रेसवार्ता कर दी। उन्होंने बताया कि शुक्रवार को सूचना मिली कि नवादा थाना क्षेत्र में अंतरराज्यीय गाड़ी चोर गिरोह के कुछ सदस्य छिपे हैं। उनके पास चोरी के वाहन भी है। उस आधार पर गाड़ियों की बरामदगी और अपराधियों की गिरफ्तारी को लेकर सहायक पुलिस अधीक्षक चंद्र प्रकाश के नेतृत्व में टीम गठित की गई, जिसके बाद टीम द्वारा तत्काल छापेमारी शुरू की गई। उस क्रम में नवादा और बिहिया थाना क्षेत्र से चोरी के छह गाड़ियों की बरामदगी की गयी और चोर गिरोह के पांच सदस्यों को भी गिरफ्तार किया गया। एसपी ने बताया कि यह गिरोह एक रैकेट के रूप में काम करता है।
गिरफ्तार पांचों अपराधियों से पूछताछ कर चोरी के अन्य वाहनों और गिरोह के बाकी के सदस्यों के बारे में जानकारी ली जा रही है। अब तक की जांच में इस मामले में परिवहन विभाग और इंश्योरेंस कंपनी के कुछ कर्मियों की संलिप्तता सामने आ रही है। एसपी ने बताया कि मूल रूप से बक्सर का निवासी धर्मेंद्र कुमार किसी इंश्योरेंस कंपनी में काम करता है। वह उन दुर्घटनाग्रस्त वाहन जो चलने की स्थिति में नहीं है।
उनके कागजातों को डीटीओ ऑफिस के कर्मियों की सहयोग से एडिट कर फर्जी ऑनर बुक आदि तैयार करता था। उसके बाद उसी फर्जी कागजात के आधार पर चोरी के वाहनों को बेच देते थे। गिरोह द्वारा खासकर सेकेंड हैंड कार खरीदने वालों को गाड़ियां बेची जाती थी। पूरे मामले की गहन छानबीन की जा रही है। संलिप्ता सामने आने पर कर्मियों के खिलाफ भी विधि-सम्मत कार्रवाई की जायेगी। टीम में नवादा थानाध्यक्ष शंभू कुमार भगत, एसआई चंदन भगत और जिशान अशरफ सहित अन्य पुलिस कर्मी शामिल थे।