संविधान की ताकत है कि एक मछुआरा यहां भाषण दे रहा : मुकेश सहनी

संविधान की ताकत है कि एक मछुआरा यहां भाषण दे रहा : मुकेश सहनी

पटना : विकासशील इंसान पार्टी के संस्थापक और बिहार के पूर्व मंत्री मुकेश सहनी ने आज कहा कि देश की पहचान खत्म की जा रही है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र और संविधान बचाने के लिए वे कोई भी कुर्बानी देने को तैयार हैं। उन्होंने कहा कि आज मोदी जी प्रधानमंत्री हैं कल कोई और होगा। नेता आएंगे और जाएंगे लेकिन यह देश और लोकतंत्र रहना चाहिए। 

उन्होंने कहा कि वे अपने समाज की उन्नति के लिये मुम्बई के ऐशोआराम की जिंदगी छोड़ सकते हैं तो लोकतंत्र और संविधान बचाने के लिए कोई भी कुर्बानी भी दे सकते हैं।

मधुबनी, सीतामढ़ी, वैशाली और सारण में चुनावी सभाओं को संबोधित करते हुए शाह ने कहा कि आज संविधान की ताकत है कि एक मछुआरा यहां भाषण दे रहा है। लेकिन आज इसी संविधान को समाप्त कर नया संविधान लाने की साजिश की जा रही है। इसके लिए लोगों को संघर्ष करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि उन्हें पता नहीं कि जब तक पिछड़ा वर्ग का एक भी बच्चा है तब तक यह संविधान न कोई समाप्त कर सकता है और ना ही संविधान बदल सकता है। 

सन ऑफ मल्लाह के नाम से चर्चित श्री सहनी ने कहा कि आज हम संघर्ष करेंगे तभी आने वाली पीढ़ी को हम खुशहाल जिंदगी दे सकेंगे। उन्होंने जोर देकर कहा कि भाजपा द्वारा पैसे के बल पर आज जनता द्वारा चुने गए एमएलए, एमपी को खरीद कर उस सरकार को गिरा दिया जा रहा है । यह जनता का भी अपमान है।

उन्होंने कहा कि आज सभी संस्थाओं का निजीकरण किया जा रहा है जब संस्थाएं नहीं होगी तो आरक्षण स्वतः समाप्त ही हो जाएगा। आज यह बड़ी साजिश रची जा रही है। उन्होंने लोगों से महागठबंधन के प्रत्याशियों को विजय बनाने की अपील करते हुए कहा कि आज जो सरकार केंद्र में है वह सरकार गरीबों की नहीं अमीरों की सरकार है। और जब केंद्र में इंडिया गठबंधन की सरकार बन जाएगी तब गरीबों की समस्याओं का हल उनके दरवाजे तक मिलेगी।