बिहार में 65 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था को 9 वीं अनुसूची में शामिल करे केंद्र सरकार : वीआईपी
पटना : विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) ने महागठबंधन की सरकार में बिहार में जातीय गणना के बाद बढ़ाए गए आरक्षण की सीमा यानी 65 प्रतिशत को नौवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग की है। वीआईपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता देव ज्योति ने कहा कि भाजपा के लोग नहीं चाहते है कि आदिवासी, दलितों और पिछड़ों को आरक्षण मिले। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि बिहार की कैबिनेट से इसे पास कर केंद्र सरकार को भी भेजा गया है, लेकिन केंद्र सरकार चुप्पी साधे हुए है।
वीआईपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने जोर देकर कहा कि आज जरूरत है कि पूरे देश मे जाति आधारित गणना कराई जाए और उसके आधार पर आरक्षण की व्यवस्था की जाए तभी दलितों और पिछड़ों को सही न्याय मिल सकेगा।
देव ज्योति ने कहा कि वीआईपी शुरू से ही गरीबों के हक और अधिकार की लड़ाई लड़ती आ रही है। आज एक बार फिर समय आ गया है कि आरक्षण के मुद्दे पर मुखरता से आवाज उठाई जाए। उन्होंने कहा कि हमसभी अगर एकजुट नहीं रहे तो यह भाजपा के लोग आरक्षण को समाप्त कर देंगे। उन्होंने कहा कि बिहार में होने वाली बहाली में जब 65 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान नहीं होगा तो, लोगों को घाटा होगा।