आज बिहार की धरती पर होगा बड़े -बड़े दिग्गजों का स्वागत .. बिहार तय करेगा भावी प्रधानमंत्री .. क्या है रणनीति ?
बिहार की धरती आज एक नया इतिहास रचनेवाली है। सालों बाद आज देश की 16 बड़ी पार्टियों के नेता बिहार की राजधानी पटना पहुंचेंगे। जिसमें कुल छह मुख्यमंत्री सहित आधा दर्जन पूर्व मुख्यमंत्री मौजूद होंगे। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पहल पर हो रही यह बैठक इस मायने में महत्वपूर्ण है कांग्रेस , वामदलों और राष्ट्रवादी कांग्रेस समेत अधिकांश क्षेत्रीय दलों के शीर्ष नेता वैचारिक मतभेद भुलाकर एक बार फिर एक मंच पर जुटेंगे। कांग्रेस नेता राहुल गांधी और कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे सहित देश के तमाम विपक्षी दल के नेता इस बैठक में मौजूद रहेंगे।
बताया जा रहा है कि आज की बैठक में पीएम पद की बात न होकर वन फार वन फार्मूला पर चर्चा होगी। विपक्षी एकजुटता को ले हो रही महाबैठक में इस बात पर कोई चर्चा नहीं होगी कि अगर विपक्ष को केंद्र में सरकार बनाने का मौका मिला तो प्रधानमंत्री कौन होगा।
बैठक में विपक्षी एकजुटता की चर्चा इस संदर्भ में होगी कि 2024 की लड़ाई में वन फार वन फार्मूले को आगे बढ़ाया जाए। इसके मूल में यह है कि जिस राज्य में जो दल भाजपा को जहां भी हराने की स्थिति में है वहां संपूर्ण विपक्ष मिलकर उसका साथ दे। इसके लिए अपने हित की अनदेखी कर केंद्र में भाजपा को हराने की बात का ध्यान रखा जाए।
केंद्र से भाजपा की विदाई के लक्ष्य के साथ विपक्षी एकजुटता की महाबैठक शुक्रवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सरकारी आवास स्थित नेकसंवाद कक्ष में सुबह 11 बजे से होगी।
देश के ज्वलंत मुद्दों पर विपक्षी दिग्गज रखेंगे अपनी बात मुख्यमंत्री के आरंभिक संबोधन से आरंभ होने वाली इस महाबैठक में विपक्ष के दिग्गज देश के ज्वलंत मुद्दों पर अपनी राय रखेंगे। इस क्रम में मंहगाई, बेरोजगारी, धार्मिक उन्माद को हवा देने व संवैधानिक संस्थाओं पर भाजपा के कब्जा किए जाने पर विशेष रूप से चर्चा होगी। पूरे देश के लिए जाति आधारित गणना कराने पर भी चर्चा होगी।
भाजपा के खिलाफ पटना में एकजुट होने वाले 15 दलों के पास लोकसभा की 153 सीटें हैं, जबकि अकेले भाजपा के पास लोकसभा की 303 सीटें हैं। विपक्षी एकता की मुहिम में शामिल दलों में सर्वाधिक 53 सीटें कांग्रेस के पास हैं। राजद, भाकपा माले और पीडीपी समेत तीन दल ऐसे हैं, जिनके पास एक भी लोकसभा सीट नहीं है। इसके अलावा अन्य 11 दलों के पास 100 सीटें हैं। इनमें सर्वाधिक 24 सीटें डीएमके के पास हैं। इसके अलावा ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस के पास 23, शिवसेना के उद्धव ठाकरे गुट के पास 19 और मेजबान जदयू के पास 16 लोकसभा सीटें हैं। विपक्षी दलों की ताकत दल - लोकसभा सांसद कांग्रेस - 53 डीएमके - 24 टीएमसी - 23 शिवसेना - 19 जदयू - 16 एनसीपी - 05 समाजवादी पार्टी - 05 नेशनल कांफ्रेंस - 03 सीपीएम - 03 सीपीआइ - 02 जेएमएम - 01 आप - 01 राजद - 00 पीडीपी - 00 भाकपा माले - 00।