बिहार मतदाता पुनरीक्षण में शिक्षकों को लगाया गया, जिससे स्कूलों की पढ़ाई ठप है: मुकेश सहनी
चुनाव आयोग को बिहार की जनता कठघरे में खड़ा कर रही, इसे समझने की जरूरत: मुकेश सहनी

पटना, 7 जुलाई। विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के प्रमुख और बिहार के पूर्व मंत्री मुकेश सहनी ने चुनाव आयोग से मतदाता पुनरीक्षण कार्य को रोकने की मांग की है। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग को इस पर पुनर्विचार करना चाहिए।
महागठबंधन के संयुक्त प्रेस वार्ता में वीआईपी के संस्थापक मुकेश सहनी ने कहा कि आज मतदाता पुनरीक्षण कार्य के दौरान बिहार के सभी स्कूलों का कार्य ठप है। सभी शिक्षकों को इस कार्य में लगाया गया है। उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि क्या चुनाव आयोग और बिहार सरकार यहां के बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ नहीं कर रहा है? दो-तीन महीने अगर स्कूल ठप रहेगा तो यहां के बच्चों की पढ़ाई कैसे संभव है?
उन्होंने चुनाव आयोग से आग्रह करते हुए कहा कि वे सोशल साइटों पर किए जा रहे कमेंटों को पढ़ें, उसे समझ में आ जाएगा कि बिहार की जनता सोच क्या रही है। बिहार की जनता चुनाव आयोग को कठघरे में खड़ा कर रही है, जिसे आयोग को गंभीरता से समझने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग मतदाता पुनरीक्षण कार्य को वापस लेना चाहिए। अभी चुनाव आयोग का कहना है कि बिना पेपर के भी अपलोड किया जा सकता है। लेकिन, बीएलओ कार्यों से परेशान है। उन्होंने कहा कि अगर किसी बूथ पर 200 मतदाता का नाम कट जाता है तो इससे स्थिति खराब होगी। बीएलओ के साथ ही लोग मारपीट करने लगेंगे।
श्री सहनी ने कहा कि चुनाव आयोग चुनाव कराना चाहती है या मारपीट कराना चाहती है। बिहार में लोकतंत्र है। जनता मालिक है और जनता के खिलाफ ही षड्यंत्र रचा जा रहा है। उन्होंने सत्ता पक्ष द्वारा इस मामले में सामने नहीं आने पर कहा कि जनता की परेशानियों से उन्हें कोई मतलब नहीं है, यही कारण है कि वे चुप हैं।