प्रभुपाद जी का 127 वाँ आविर्भाव दिवस आज बुद्ध मार्ग स्थित श्री श्री राधा बाँकेबिहारीजी मन्दिर में अत्यन्त हर्षोल्लास के साथ मनाया गया..पूरी जानकारी ?
NBL PATNA :इस्कॉन पटना द्वारा संस्था के संस्थापक आचार्य श्री श्रीमद् ए० सी० भक्तिवेदान्त स्वामी प्रभुपाद जी का 127 वाँ आविर्भाव दिवस आज बुद्ध मार्ग स्थित श्री श्री राधा बाँकेबिहारीजी मन्दिर में अत्यन्त हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस अवसर पर सभी भक्तगणों एवं स्वामी प्रभुपाद के विचारों से अनुप्राणित सुधीजनों ने उन्हें पुष्पांजलि अर्पित किया और पंचगव्य से अभिषेक किया।
प्रभुपादजी महाराज का जन्म 1896 ई० में कलकत्ता नगर में हुआ था। वे सुप्रसिद्ध धर्म तत्ववेत्ता एवं चौसठ गौड़ीय मठों के संस्थापक श्रील भक्तिसिद्धांत सरस्वती ठाकुर के दीक्षा प्राप्त शिष्य थे अपने गुरु की आज्ञा से उन्होने अंग्रेजी भाषा के माध्यम से वैदिक ज्ञान द्वारा समस्त विश्व में सनातन धर्म का प्रचार-प्रसार किया। उनके दार्शनिक ज्ञान एवं भक्ति की महता पहचान कर गौड़ीय वैष्णव समाज ने 1947 ई० में उन्हें भक्तिवेदान्त की उपाधि से सम्मानित किया 1959 ई० में उन्होंने सन्यास ग्रहण कर लिया।
श्रील प्रभुपाद सितम्बर 1965 ई० में अपने गुरु का धर्मानुष्ठान पूरा करने के लिए अमेरिका गए और जुलाई 1966 ई० में उन्होंने "अन्तर्राष्ट्रीय कृष्णभावनामृत संघ (इस्कॉन) की स्थापना की 14 नवम्बर 1977 ई० को इस भौतिक संसार से प्रयाण करने से पूर्व तक उन्होंने अपने कुशल मार्ग निर्देशन के द्वारा इस संघ को विश्वभर में 108 से अधिक मन्दिरों, आश्रमों, विद्यालयों, संस्थाओं और कृषि क्षेत्रों का विशाल संगठन बना दिया था केवल भारत में ही संस्था के 60 से अधिक केन्द्र सेवारत है। इन केन्द्रों में वैदिक संस्कृति का मूल रूप से प्रत्यक्ष अनुभव किया जा सकता है।
ऐसे परम वैष्णव के आविर्भाव महोत्सव के अवसर पर भक्तों तथा अनेक गणमान्य व्यक्तियों द्वारा उनके व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डाला गया, उनका भरपूर यशोगान किया गया और भक्तों द्वारा भजन एवं कीर्तन किया गया। इस्कॉन पटना के अध्यक्ष श्री कृष्ण कृपा दास जी ने अपने सम्बोधन में श्री महाराज जी के प्रति आभार प्रकट करते हुए कहा कि प्रभुपाद जी ने ऐसा घर बनाया जिसमें पूरा संसार रह सकता है। उन्होंने भगवान् के अवतारों की चर्चा करते हुए बतलाया कि भगवान श्रीचैतन्य महाप्रभु श्री श्री राधा कृष्ण के युगल गौर सुन्दर अवतार हैं। उनकी शिक्षा को आत्मसात् कर हर व्यक्ति जीवन के वास्तविक लक्ष्य (प्रभुप्राप्ति) को प्राप्त कर सकता है।
इस अवसर पर सुनील कुमार सिन्हा, लोक प्रकाश सिंह, अमित अधिकारी एवं शहर के अनेक गणमान्य व्यक्ति
उपस्थित थे। कार्यक्रम की समाप्ति पर उपस्थित सभी भक्तजनों को महाप्रसाद खिलाया गया।