सनातन धर्म डेंगू और मलेरिया के समान है---उदयनिधि स्टालिन..क्या है रणनीति ?
NBL PATNA : तमिलनाडु के सीएम एम के स्टालिन के बेट और राज्य के युवा कल्याण और खेल विकास मंत्री उदयनिधि स्टालिन ने सनातन धर्म को लेकर एक विवादित बयान दिया है, जिसके बाद बीजेपी नेताओं समेत कई लोग उनकी निंदा कर रहे हैं। उदयनिधि ने कहा है कि सनातन धर्म डेंगू और मलेरिया के समान है। अब उनके इसी बयान को लेकर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह का बड़ा बयान सामने आया है। गिरिराज सिंह ने कहा है कि - मैं तो यही पूछना चाहता हूं कि, मुंबई में जो मीटिंग हुए है उसके बाद क्या नीतीश और लालू ने उसका प्रवक्ता स्टालिन के बेटे को बनाया। जो वो बोल रहे हैं सनातन धर्म को खत्म कर देना चाहिए।
गिरिराज सिंह ने कहा कि लगता है स्टालिन की बेटे के योजना के तहत ही बिहार में भी जो हिंदुओं के धार्मिक त्योहार है उसकी छुट्टियां को रद्द किया है।लालू और नीतीश को इसका जवाब देना पड़ेगा कि आपने ही यह निर्णय लिया है कि मोदी जी का गला पकेंडे, मोदी जी के गर्दन को दबोचे।आप ऐसे शब्दों का जब चाहे तब प्रयोग करें लेकिन बिहार के जनता और देश की जनता को बताएं कि हिंदू धर्म को खत्म कर देना ही विपक्षी गठबंधन का एजेंडा है। यह बातें आप चाहें तो स्टालिन के बेटे के मुंह से बुला दे या फिर बिहार में छुट्टियां रद्द कर दें।यह साजिश अब देश का हिंदू बर्दाश्त नहीं करेगा और लालू प्रसाद यादव आपकी नौटंकी नहीं चलेगी। हिंदुओं को जात में बांट करके आप अपनी राजनीति करना चाहते हैं लेकिन आज आपसे हर एक हिंदू जवाब मांगेगा।
इधर, बिहार भाजपा के नेता विरोधी दल विजय सिन्हा ने कहा कि- महागठबंधन का मतलब साफ है यह नेपोटिज्म वाली पार्टी, इसका मकसद इस्लामी तुष्टीकरण को बढ़ावा देना है। I.N.D.I.A का फुल फॉर्म इस्लामिक तुष्टिकरण नेपोटिज्म डिस्ट्रक्टिव इटालियन एलाइंस है। इस एलायंस के लोग क्या कर रहे हैं सनातन का अपमान करना तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के लड़के को शोभा नहीं देता।
तमिलनाडु के कम एमके स्टालिन के बेटे ने जिस तरह से सनातनियों का अपमान किया है यह काफी अनुचित है। क्या यही धर्मनिरपेक्षता की बात है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और युवराज राहुल गांधी को हिम्मत है तो उनसे माफी मंगवाएं या अपने गठबंधन से बाहर करवाएं। अगर इन दोनों में थोड़ी सी भी शर्म बची हुई है तो फिर अपने धर्म के प्रति सम्मान दिखाएं। धर्म का अपमान करने वाले लोग कभी भी सनातन का संतान नहीं हो सकते। यह 21वीं सदी है और इस सदी में सनातन का सम्मान करने वाला ही देश की गद्दी और जनता पर राज करेगा।