आरा में पैर के ऑपरेशन के दौरान मरीज की मौत के बाद परिजनों का हंगामा, अस्पताल में जमकर की तोड़फोड़ और आगजनी...
आरा : नवादा थाना क्षेत्र के एक निजी अस्पताल में पैर के ऑपरेशन के दौरान एक अधेड़ की मौत हो गई। बुधवार को अधेड़ की मौत से गुस्साए परिजनों अस्पताल से लेकर सड़क तक जमकर हंगामा किया। इस दौरान परिजनों ने अस्पताल परिसर में तोड़फोड़ भी की। गुस्साए परिजनों ने अस्पताल के वेटिंग रूम से लेकर डॉक्टर कक्ष तक में जमकर तोड़फोड़ की। तोड़फोड़ की घटना सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई है।
परिजनों का गुस्सा इसके बाद भी शांत नहीं हुआ। अस्पताल में तोड़फोड़ करने के बाद अस्पताल के बाहर सड़क पर टायर जलाकर आगजनी भी की गई। इस घटना की सूचना मिलते ही सदर एएसपी चंद्र प्रकाश और नवादा थानाध्यक्ष अपने दल-बल के साथ घटनास्थल पर पहुंचे और स्वजनों को समझा-बुझाकर मामले को शांत कराया। मृतक 46 वर्षीय मुकेश सिंह गड़हनी थाना क्षेत्र के बड़ौरा गांव निवासी राम लायक सिंह के बेटे थे।
मृतक के स्वजन कुंदन कुमार सिंह ने बताया कि 17 मई की रात गांव में आंधी के दौरान छत से मुकेश सिंह नीचे गिर गए थे। नीचे गिरने के कारण वे गंभीर रूप से जख्मी हो गए थे। इस हादसे में उनका पैर और कुल्हा टूट गया था।
इसके बाद 18 मई की दोपहर करीब साढ़े बारह बजे आरा शहर के ब्लॉक रोड स्थित डॉ कन्हैया सिंह के निजी अस्पताल में यहां भर्ती कराया गया था। डॉक्टर ने ऑपरेशन करने की सलाह दी गई थी। ऑपरेशन के लिए साढ़े 44 हजार रुपये दिए गए थे। डॉक्टर साहब द्वारा दो यूनिट ब्लड का इंतजाम करने को बोला गया था। इसके बाद स्वजन द्वारा चार यूनिट ब्लड इंतजाम कर उन्हें दिया गया।
मंगलवार शाम करीब छह बजे डाक्टर द्वारा ऑपरेशन करने के लिए उन्हें ओटी में ले जाया गया। देर रात करीब दस बजे डॉक्टर द्वारा स्वजन द्वारा बिना कोई सूचना दिए उन्हें ओटी से निकालकर सीधे एंबुलेंस बुलाया गया और उन्हें उस पर चढ़ा दिया गया। इसके बाद डॉक्टर ने कहा गया कि उनकी हालत काफी गंभीर हो गई है। आईसीयू की जरूरत है। जब स्वजनों ने देखा तो उनकी मौत हो गई थी।
इसके बाद स्वजनों का आक्रोश भड़क उठा और स्वजनों ने उनके अस्पताल में जमकर हंगामा एवं तोड़फोड़ की गई। सूचना पर नवादा थानाध्यक्ष धर्मेंद्र कुमार उनके क्लीनिक पहुंचा स्वजनों को समझा-बुझाकर मामले को शांत करा दिया। लेकिन बुधवार की सुबह स्वजन एक बार फिर उनके निजी अस्पताल पहुंच गए और अस्पताल के बाहर टायर जलाकर आगजनी की।
स्वजन कुंदन कुमार सिंह ने डॉक्टर कन्हैया सिंह पर इलाज में लापरवाही बरतने और उनके मरीज के मौत के बाद बिना सूचना दिए एंबुलेंस बुलाकर उनको रेफर करने एवं मौत के बाद उनके नाबालिग बेटे से कागज पर हस्ताक्षर कराने का आरोप लगाया है। पुलिस पूरे मामले की छानबीन कर रही है।
दूसरी ओर डॉक्टर कन्हैया सिंह ने बताया कि बड़ौरा गांव निवासी मुकेश सिंह नामक एक मरीज आए थे। उन्हें काफी गंभीर इंजरी थी। उनकी हालत काफी क्रिटिकल थी। इसके बाद उसे भर्ती किया गया। स्वजनों को कहा गया था कि वे लोग उसे पटना ले जाएं। उनका ऑपरेशन वहीं कराने की सलाह दी गई थी।
तब स्वजनों द्वारा कहा गया कि आप खुद ही इनका ऑपरेशन कीजिए। इसके बाद उन्होंने अपने सहयोगी चिकित्सक की मदद से ऑपरेशन किया लेकिन ऑपरेशन के दौरान ही उसकी बीपी काफी डाउन हो गया। उन्होंने एक पहचान वाले को बुलाया और मानिटर पर बीपी की स्थिति दिखा दी। उन्होंने कहा कि वे पटना ले जाएं और वेंटिलेटर पर रखें। इसके बाद ही मरीज रिकवर हो पाएगा।
इसकेबाद एंबुलेंस पर चढ़ाया ही जा रहा था तभी स्वजन आक्रोशित हो गए और अस्पताल में जमकर तोड़फोड़ की गई। तोड़फोड़ के दौरान स्टाफ के साथ भी मारपीट की गई। इसके बाद उन्होंने स्थानीय थाना,एसडीओ एवं अपने मित्रों को फोन कर घटना की जानकारी दी।
सहायक पुलिस अधीक्षक चंद्र प्रकाश ने कहा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी। स्शजनों द्वारा जिन दो बिंदुओं पर बात कही है,उसकी गहराई से जांच की जा रही है। सिविल सर्जन प्रसाद सिंह के निर्देश पर पोस्टमार्टम के लिए तीनक्षसदस्य डाक्टरों की टीम का गठन कर शव का पोस्टमार्टम कराया गया।
मृतक अपने दो भाई व एक बहन में दूसरे स्थान पर थे। मृतक के परिवार में पत्नी आरती देवी एवं एक पुत्र भोला है। मृतक की पत्नी आरती देवी एवं परिवार के सभी सदस्यों का रो-रोकर बुरा हाल था।