3.70 लाख करोड़ के विशेष पैकेज से बिहार के किसानों के जीवन में आएगी खुशहाली- सम्राट

3.70 लाख करोड़ के विशेष पैकेज से  बिहार के किसानों के जीवन में आएगी खुशहाली- सम्राट
3.70 लाख करोड़ के विशेष पैकेज से  बिहार के किसानों के जीवन में आएगी खुशहाली- सम्राट

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष  सम्राट चौधरी ने प्रसन्नता जताते हुए कहा है कि आर्थिक मामलों के मंत्रिमण्डलीय समिति ने किसानों के उत्थान के लिए, भूमि की उत्पादकता को फिर से जीवंत करने और खाद्य सुरक्षा और पर्यावरणीय स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए कई योजनाओं को मंजूरी दी है, जिससे बिहार जैसे कृषि प्रधान प्रदेश के किसानों को सर्वाधिक लाभ मिलेगा।

 चौधरी ने कहा कि आर्थिक मामलों की मंत्रिमण्डलीय समिति ने यूरिया सब्सिडी योजना को जारी रखने को मंजूरी दी है, इससे देश व राज्य के करोड़ों किसानों को लाभ मिलेगा। 2022-23 से 2024-25 तक 3 वर्ष के लिए 3,68,676.7 करोड़ रुपये यूरिया सब्सिडी के लिए आवंटित किए गए हैं। 

वेल्थ फ्रॉम वेस्ट मॉडल के तौर पर  मार्केट डेवलपमेंट असिस्टेंस (MDA) स्कीम हेतु 1451 करोड़ रुपये मंजूर किए गए है। इसके साथ ही सॉयल को समृद्ध करने और पर्यावरण को सुरक्षित एवं स्वच्छ रखने के लिए पराली और गोबरधन संयंत्रों से जैविक खाद का प्रयोग किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने किसानों के समग्र कल्याण और आर्थिक बेहतरी के लिए देश के किसानों को योजनाओं की यह सौगात भेंट की है। इन पहलों से किसानों की आय बढ़ेगी, प्राकृतिक/ ऑर्गेनिक खेती को मजबूती मिलेगी, भूमि की उत्पादकता का कायाकल्प होगा और खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित होगी।


यूरिया सब्सिडी जारी रखने से किसानों को 266.70 रुपये प्रति 45 किलोग्राम यूरिया की बोरी की उपलब्धता सुनिश्चित की जा सकेगी। 

उन्होंने कहा कि यह पैकेज हाल ही में अनुमोदित 2023-24 के खरीफ मौसम के लिए 38,000 करोड़ रुपये की NBS के अतिरिक्त है। किसानों को यूरिया की खरीद के लिए अतिरिक्त खर्च करने की आवश्यकता नहीं होगी और इससे उनकी उत्पादन  लागत को कम करने में मदद मिलेगी। 
वर्तमान  में, यूरिया की एमआरपी 266.70 रुपये प्रति 45 किलोग्राम यूरिया की बोरी है जबकि बैग की वास्तविक कीमत लगभग रु. 2200 है। यह योजना पूरी तरह से भारत सरकार द्वारा वित्तपोषित है। भारत सरकार ने फर्टिलाइजर सब्सिडी बढ़ाकर अपने किसानों को फर्टिलाइजर कीमतों में भारी वृद्धि होने से बचाया है। 

उन्होंने कहा कि भारत सरकार की कोशिश है कि 2025-26 तक, 195 LMT पारंपरिक यूरिया के बराबर 44 करोड़ बोतलों की उत्पादन क्षमता वाले आठ नैनो यूरिया Plant चालू कर दिया जाय। इससे नैनो यूरिया इकोसिस्टम का  सुदृढ़ीकरण होगा।

 चौधरी ने कहा कि वर्ष 2018 से 6 यूरिया उत्पादन यूनिट चंबल फर्टिलाइजर लिमिटेड, कोटा राजस्थान
मैटिक्स लिमिटेड पानागढ़, पश्चिम बंगाल,
रामागुंडम-तेलंगाना, 
गोरखपुर-उत्तर प्रदेश,
सिंदरी-झारखंड और
बरौनी-बिहार 
की स्थापना और पुनरुद्धार से देश को यूरिया उत्पादन और उपलब्धता के मामले में आत्मनिर्भर बनाने में मदद मिल रही है। 

धरती माता की उर्वरता की बहाली, जागरूकता, पोषण और सुधार हेतु प्रधान मंत्री कार्यक्रम से किसानों की न केवल उत्पादकता बढ़ेगी, बल्कि कृषि की लागत भी घटेगी। 

प्राकृतिक/ऑर्गेनिक खेती, वैकल्पिक फर्टिलाइजर, नैनो फर्टिलाइजर और जैव फर्टिलाइजर को बढ़ावा देने से हमारी धरती माता की उर्वरता को बहाल करने में मदद मिल सकती है।

 चौधरी ने कहा कि गोबरधन संयंत्रों से जैविक उर्वरक  को बढ़ावा देने के लिए 1451.84 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं। फसल के बाद बचे अवशेषों का प्रबंध करने और पराली जलाने की समस्‍याओं का समाधान करने में सुविधा प्रदान करेगा, पर्यावरण को स्‍वच्‍छ और सुरक्षित रखने में भी मदद करेगा और साथ ही किसानों के लिए आय का एक अतिरिक्‍त स्रोत प्रदान करेगा। ये ऑर्गेनिक फर्टिलाइजर किसानों को कम कीमतों पर मिलेंगे।