भाजपा के रिमोट से कंट्रोल हो रहें हैं प्रशांत किशोर - उमेश सिंह कुशवाहा

भाजपा के रिमोट से कंट्रोल हो रहें हैं प्रशांत किशोर - उमेश सिंह कुशवाहा
भाजपा के रिमोट से कंट्रोल हो रहें हैं प्रशांत किशोर - उमेश सिंह कुशवाहा

NBL PATNA : बिहार जद(यू.) के प्रदेश अध्यक्ष श्री उमेश सिंह कुशवाहा ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर दिए गए प्रशांत किशोर के बयान पर आपत्ति जताते हुए कहा कि सिर्फ सोशल मीडिया में सुर्खियां बटोरने के लिए प्रशांत किशोर माननीय मुख्यमंत्री जी के सम्बंध में अनावश्यक बयानबाजी कर रहे हैं। उनका बयान दर्शाता है कि उन्हें भाषा की बुनियादी समझ नहीं है। वह अपनी छवि अपने हाथों ही धूमिल कर रहें हैं। सार्वजनिक जीवन में रहने वाले व्यक्ति को तमीज और तहजीब का उचित ख्याल रखना चाहिए लेकिन प्रशांत किशोर की भाषा सड़क के एक मवाली की तरह हो गई है।https://youtu.be/f5iuwyi-rgw
     प्रदेश अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि प्रशांत किशोर भाजपा के रिमोट से कंट्रोल हो रहें हैं और भाजपा आलाकमान के कहने पर बिहार की जनता को बरगलाने निकले थे लेकिन धरातल पर जनता द्वारा नकार दिए जाने के बाद से वो अंतर्मन से बौखलाए हुए हैं और इसी का नतीजा है कि वे अब अपना भाषाई नियंत्रण भी खो चुकें है, तमाम राजनीतिक मर्यादाओं को ताक पर रखकर वो हमारे नेता के खिलाफ अपमानजनक बयानबाजी कर रहे हैं। उनकी असलियत जनता के सामने आ चुकी है। प्रशांत किशोर बिहार में भाजपा का एजेंडा चला रहें हैं।https://youtu.be/f5iuwyi-rgw
    आगे उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा के अंदर सीधे तौर पर राजनीतिक लड़ाई लड़ने की क्षमता खत्म हो चुकी है इसीलिए वो अपने नकाबपोश पिट्ठु नेताओं को बिहार में एक्टिवेट कर रही है ताकि बिहार की जनता को दिग्भ्रमित किया जा सके लेकिन भाजपा को याद रखना चाहिए कि यह महान चाणक्य की भूमि है हर तरह की राजनीतिक कुटिलता यहां औंधे मुंह धराशाई हो जाती है। भाजपा की यह होशियारी भाजपा के लिए नुकसानदेह साबित होगा।
     कुशवाहा ने आगे यह भी कहा कि भाजपा और उसके पिछलग्गू सहयोगी चाहे जितनी मर्जी कोशिश कर लें लेकिन 2024 लोकसभा उनकी लुटिया डूबना अब तय है। कोई भी शक्ति या साजिस भाजपा का सफाया होने से रोक नहीं सकती है। उन्होंने ने आगे तंज भरे लहजे में कहा की प्रशान्त किशोर बेवजह ही राजनीति में अपना समय जाया कर रहे हैं, कोई लाभ नहीं मिलने वाला है उन्हें। उनके लिए बेहतर होगा कि वह पुनः अपने पारंपरिक व्यापार में लग जाए। उनकी भाषाशैली और व्यवहार एक राजनेता की तरह कत्तई नहीं है।