इलाजरत बंदी की मौत का मामला उलझा, पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद होगा खुलासा...
आरा : गजराजगंज ओपी क्षेत्र के बामपाली गांव निवासी अलख यादव के पुत्र मुन्ना यादव की सदर अस्पताल के कैदी वार्ड में इलाज के क्रम में मौत हो गई। इसी के साथ ही कैदी का मौत का मामला पेचीदा हो गया है। परिजन मृतक के शरीर पर चोट के निशान और पीटकर हत्या का आरोप लगा रहे थे।
मंडल कारा, आरा के प्रबंधन के अनुसार बंदी मुन्ना यादव को आरा जेल से सदर अस्पताल भेजने वक्त चोट के निशान नहीं थे। सीसीटीवी में भी इसका साक्ष्य है। जबकि, सदर अस्पताल प्रबंधन के अनुसार पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही सच सामने आ सकेगा। आरोप लगाना अलग बात है। इधर, मृतक के चाचा हजारी यादव ने बताया कि रविवार को मुन्ना यादव को शराब पीने के जुर्म में पुलिस गिरफ्तार कर लाई थी।
कोर्ट में पेशी के बाद जेल भेज दिया गया था। जेल में जाने के बाद मुन्ना यादव की तबीयत बिगड़ गई। जिसे इलाज के लिए सदर अस्पताल के कैदी वार्ड में भेज दिया गया था। जहां कैदी वार्ड में रखकर इलाज किया जा रहा था। मंगलवार की सुबह अस्पताल से फोन गया कि मुन्ना यादव की मौत हो गई है। सूचना के बाद जब हमलोग अस्पताल पहुंचे। शव को देखा, जिस पर कई जगह चोट के निशान थे। सिर फूटा हुआ था। हाथ की उंगली कटी हुई है और भी जगह मारपीट के निशान थे। जिस समय पुलिस मुन्ना को पकड़ कर लाई थी। उस समय कुछ ऐसा नहीं था और वह बिलकुल स्वस्थ था। वहीं, शव देखने के बाद हजारी यादव के साथ आए परिजनों ने पुलिस पर पीट-पीटकर हत्या करने का आरोप लगाते हुए मुआवजा की मांग की है।
जेल से अस्पताल जाने वक्त मुन्ना के शरीर पर नहीं थे चोट के निशान : जेल प्रबंधन
सहायक जेलर दीपक कुमार ने बताया की कैदी मुन्ना यादव की जेल में आने के बाद तबियत खराब हो गई। जिसको इलाज के लिए सदर अस्पताल भेज दिया गया था। जहां कैदी वार्ड मे रख कर इलाज किया जा रहा था। इलाज के क्रम में ही मुन्ना यादव की मौत हो गई। शरीर पर जख्म के निशान पर बात करने पर सहायक जेलर दीपक कुमार ने आगे बताया की कैदी मुन्ना यादव को जिस समय इलाज के लिए जेल से अस्पताल भेजा गया था। उस समय उसके शरीर पर जख्म के कही भी निशान नही था। हमारे पास सीसीटीवी फुटेज है। जिसमे सब कुछ अस्पष्ट है। आगे क्या हुआ हम नहीं बता सकते।
मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में पोस्टमार्टम की प्रक्रिया : थानाध्यक्ष
गजराजगंज ओपी के थानाध्यक्ष ने बताया कि रविवार की शाम को डायल 112 की गाड़ी शराब पीने के आरोप में मुन्ना को थाना पर लाई थी। साथ में उसके परिजन भी थे। जांच में शराव पीने की पुष्टि होने के बाद सोमवार को कागजी प्रक्रिया पूरी कर जेल भेज दिया गया था। जहां उसकी तबियत खराब हो गई। जहां से इलाज के लिए सदर अस्पताल कैदी वार्ड गया था। सोमवार को इलाज के क्रम में मौत हो गई। शव का पोस्टमार्टम मजिस्ट्रेट की निगरानी में कराया जाएगा और रिपोर्ट आने के बाद ही स्पष्ट कारण पता चल पाएगा।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट से ही पता चलेगा मौत कैसे हुई : अस्पताल उपाधीक्षक
कैदी के मौत के मामले में सदर अस्पताल के उपाधीक्षक अरुण कुमार ने बताया की सदर अस्पताल के कैदी वार्ड में एक कैदी की मौत हुई है। शव का पोस्टमार्टम मजिस्ट्रेट के उपस्थिति में बोर्ड गठित कर कराया जा रहा है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद स्पष्ट हो जाएगा कि कैदी मुन्ना यादव की मौत कैसे हुई है। आरोप कोई कुछ पर भी लगा सकता है।