मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की ओर से रेजिडेंट कमिश्नर ने पद्मश्री सुभद्रा देवी को चांदी का स्मृति चिन्ह देकर किया सम्मानित---पूरी जानकारी ?
NBL PATNA : बिहार भवन दिल्ली में रेजिडेंट कमिश्नर आईएएस कुंदन कुमार ने मुधबनी निवासी पद्मश्री सुभद्रा देवी को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की ओर से शॉल पहनाकर और चांदी का स्मृति चिन्ह व 2 लाख रुपए का चेक देकर सम्मानित किया। बिहार दिवस 2023 को मुख्यमंत्री बिहार की ओर से उन्हें इस उपलब्धि के लिए सम्मान दिया जाना था लेकिन किन्हीं कारणों के चलते वह उस समय उपस्थित नहीं हो सकीं। क्योंकि वर्तमान में वह दिल्ली में निवास कर रही हैं, इसके चलते ही उन्हें रेजिडेंट कमिश्नर की ओर से यह सम्मान दिया गया। सुभद्रा देवी ने रेजिडेंट कमिश्नर से यह सम्मान प्राप्त करते हुए कहा कि " वह इस सम्मान के लिए बिहार के माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और बिहार सरकार का धन्यवाद करती हैं"। https://youtu.be/x2F5EOptO0Q
सुभद्रा देवी को वर्ष 2023 में पेपरमैसी कला के लिए पद्मश्री से सम्मानित किया गया है। बता दें कि पेपरमैसी की कला कागज को पानी में भीगो कर और उसे कूटकर तैयार की जाती है। मधुबनी जिले की सलेमपुर गांव की रहने वाली सुभद्रा देवी ने बचपन में दूसरों की देखा देखी पेपरमेसी की कला सीखी थीं। उन्हें इसका बिल्कुल भी आभास नहीं था कि उनकी कला को इतनी शोहरत मिलेगी। 82 वर्ष की हो चुकीं सुभद्रा देवी को पेपरमेसी की कला में महारत हासिल है। उन्हीं की बदौलत अब इस कला को देश ही नहीं, विदेशों में भी अलग पहचान मिल चुकी है। https://youtu.be/x2F5EOptO0Q
उन्होंने 15 साल की उम्र से इस कला को बनाना शुरू किया था। विभिन्न प्रकार से वह इस कला को आकार दे सकती हैं। अभी वह 1980 से राज्य सरकार की ओर से मान्यता प्राप्त पेपरमैसी कला से जुड़ी हुई हैं जबकि 1991 में उनकी कला को केंद्र सरकार की ओर से अंतरराष्ट्रीय स्तर के लिए स्वीकृति दी गई।
बिहार सरकार हमेशा से ही अपनी संस्कृति और कला को बढ़ावा देने के लिए तत्पर है। इसके चलते ही वह अपने कलाकारों व हस्तशिल्पकारों को सम्मान देने में कोई कसर नहीं छोड़ती है। ताकि आने वाली पीढ़ी को भी अपनी संस्कृति और कला को