जल्द ही बिहार होगा जदयू मुक्त, लोहिया और जयप्रकाश के सिद्धांतों से भटक कर पहुंच गए कांग्रेस की गोद में...
पटना : भाजपा विधानमंडल दल के नेता विजय कुमार सिन्हा ने जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री ललन सिंह द्वारा भाजपा मुक्त होगा भारत बाले वयान पर अपनी तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि बिहार जल्द ही जदयू मुक्त होगा।
सिन्हा ने कहा कि पिछले10 महीनों में जदयू छोड़ कर अन्य दलों में जाने बाले नेताओं की लिस्ट बड़ी लम्बी है।आर सी पी सिंह, उपेंद्र कुशवाहा, अजय आलोक समेत कई नेताओं ने जदयू के अन्दर मनमानी औऱ तानाशाही का आरोप लगाया है और दल छोड़कर निकल गए।जदयू के हजारों नेता कार्यकर्ता निराश होकर दल छोड़ दिये।ललन बाबू को इनकी चिंता करनी चाहिए।
सिन्हा ने कहा कि बिहार के नकली समाजवादियों की अजीब बिडम्बना है।लोहिया जी और जयप्रकाश जी के सिद्धांत और आदर्शों पर चलते हुए ये कांग्रेस विरोध की उपज थे। भाजपा ने भी इनका समर्थन किया। लेकिन जिनके खिलाफ लोहिया जी और जयप्रकाश नारायण जीवन भर लड़े उसी कॉंग्रेस की गोद में जाकर ये बैठ गए। अवसरबाद औऱ सिद्धांतविहीन राजनीति का सहारा लेकर सफलता पाने की जुगाड़ में ये लगे हुए हैं।इनका फ़ेल होना तय है।
सिन्हा ने कहा कि ओडिसा यात्रा के दौरान ललन बाबू का अपमान बिहार की जनता ने देखा है। लंच के समय इन्हें मुख्यमंत्री के साथ भोजन करने लायक नहीं समझा गया और कहीं अन्य जगह बैठाकर भोजन कराया। उनकी इस उपेक्षा में नीतीश कुमार का भी हाथ होने की चर्चा है। कहा जा रहा है कि नीतीश जी इनको साथ लेकर तो घूम रहें है लेकिन इनपर विश्वास नहीं है। इसके बावजूद ललन बाबू अपनी चिंता नहीं कर भाजपा की चिंता कर रहे हैं। वह दिन दूर नहीं है जब पूरा का पूरा जदयू का कुनबा दल छोड़कर बाहर आ जायेगा।
सिन्हा ने कहा कि मुम्बई भ्रमण में नीतीश कुमार की मुलाक़ात जिनसे हुई है वे अपनी विश्वसनीयता पहले ही खो चुके हैं। देश ने देखा है कि चुनाव लड़े भाजपा के साथ औऱ सरकार बना ली कांग्रेस के साथ। इन मुलाकातों से देश की राजनीति पर कोई असर नहीं पड़ने वाला है।
सिन्हा ने कहा कि मुख्यमंत्री अभी जिस जमात को एक करने में लगे हैं। सबका चाल चरित्र इन्हीं के समान है। ये जब बिहार सम्हालने में असमर्थ हैं तो देश की जनता कैसे इन पर भरोसा करेगी। आज भी उद्धब ठाकरे जी के साथ बैठक के वाद कहा कि मुझे अपने लिये कुछ नहीं करना है। ये सबसे बड़ा झूठ है क्योंकि बिना स्वार्थ ये अपना क़दम आगे नहीं बढ़ा सकते हैं। पलटूराम के रूप में जीना अब मुख्यमंत्री जी का स्वभाव हो गया है।