लगता है महागठबंधन में कुछ बड़ा होने वाला है रातोंरात मुकेश सहनी ने छोड़ा पटना राजधानी पूर्णिया में क्यों हुआ सितारों का महा-जुटान ?

लगता है महागठबंधन में कुछ बड़ा होने वाला है  रातोंरात मुकेश सहनी ने छोड़ा पटना राजधानी  पूर्णिया में क्यों हुआ सितारों का महा-जुटान ?

मुकेश सहनी बिहार की राजनीति में पिछले एक दशक से ये नाम हर किसी के जुबान पर है. सहनी समाज को उनके अधिकार और उत्थान के लिए अपने जमे जमाये, फले -फुलाये  व्यवसाय तक की परवाह किए बिना बदलाव के लिए राजनीति में कूद गए. बहुत कम समय में मुकेश सहनी ने वो मुकाम हासिल किया जिसे पाने के लिए दशकों लग जाते है. सहनी अपने बोल्ड फैसले के लिए जाने जाते हैं. अपने समाज के लिए मुखर होकर बोलने और लगातार प्रयास करने में कभीबपिछोव मूड कर नहीं देखे. बिहार उत्तरप्रदेश और झारखंड के साथ देश के कई राज्यों में मजबूत संगठन बनाने के बाद मुकेश सहनी समाज को एकजुट रखने और अपने अधिकार के लिए मिलजुल कर लड़ाने के लिए तैयार कर रहे हैं. 

अपने अभियान में मुकेश सहनी कितना सफल हुए इसकी परीक्षा 2025 के आगामी बिहार विधानसभा चुनाव में होगी. पर उससे पहले सहनी अपने यात्रा और इस यात्रा के दौरान कई बोल्ड फैसले के लिए चर्चा में हैं. बिहार विधान सभा की चार सीटों पर हुए उपचुनाव में भले ही महागठबंधन को उम्मीद के अनुरूप परिणाम नहीं आए हों. पर मुकेश सहनी के चुनाव प्रचार के दौरान जो किया उसकी खूब चर्चा हो रही है. बिहार के विकास के लिए शतप्रतिशत देने वाले  मुकेश सहनी आज-कल सीमांचल में हैं. ये वही सीमांचल है जो कई कारणों से चर्चा में रहता है पर इस बार Panorama Group के द्वारा आयोजित कार्यक्रम और दो महीने तक चलने वाले खेलकूद के साथ अलग अलग क्षेत्र के बच्चो का हुनर निखारने का काम कर रहा था. मुकेश सहनी अब इस क्षेत्र में अपना खूंटा गाड़ चुके हैं. पूर्णिया, सुपौल, कटिहार और किशनगंज के इलाके में मुकेश सहनी की मौजूदगी कुछ अलग कहानी कह रही है. 

सूत्र से मिली जानकारी के अनुसार मुकेश सहनी इस क्षेत्र में कुछ बड़ा करने वाले हैं. इतना ही नहीं कहा तो ये भी जा रहा है की आगामी 7 दिसम्बर को सहनी कोई बड़ा फैसला ले सकते हैं. पिछले तीन दिनों से मुकेश सहनी अपनी कोर टीम और थिंक टैंक के साथ सीमांचल के क्षेत्र में हैं. मुकेश सहनी पूर्णिया में Panorama Group के द्वारा आयोजित कार्यक्रम में बातौर मुख्य अतिथि पहुंचे थे. पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए हालांकी ये साफ कर दिया की उनकी लड़ाई अपने समाज के उत्थान और आरक्षण के लिए है. इसके साथ बिहार का सर्वांगीन विकास कैसे और किसके साथ मिल कर हो इस बात पर भी लगातार मंथन कर रहे हैं. 

पूर्णिया में Panoram Group के कार्यक्रम में पहुंचे मुकेश सहनी ने Group के CMD संजीव मिश्रा के द्वारा किए गए सीमांचल के विकास पर भूरी - भूरी प्रशांसा किया तथा मंच से ही उनसे सीमांचल के साथ साथ बिहार के विकास के लिए साथ आने का निमंत्रण भी दे दिया. एक तरफ मुकेश सहनी जिन्होंने गरीबी के बीच मुंबई की ओर रुख किया और वहाँ से नाम, सोहारत और लक्सरी लाईफ को साइड में रख अपनी मिट्टी और समाज के लिए बिहार वापस आ गए. तो वहीँ संजीव मिश्रा की भी कहानी कुछ ऐसी ही है. दिल्ली से सीधे अपनी मिट्टी अपने गाँव छातापुर लौट आये. सीमांचल में बदलाव के साथ ही अपने गाँव छातापुर की सूरत बदल दिए. अस्पताल बनाया, स्कूल खले, आदर्श क्षेत्र बनाने की दिशा में लाखों वृक्ष लगवाये. इसके साथ ही संजीव मिश्रा का हर घर से सीधा जुड़ाव है. पूर्णिया, कटिहार और सुपौल की तस्वीर बदलने के साथ ही पालायन को भी बहुत हद तक रोका है. अब ऐसे में मुकेश सहनी और संजीव मिश्रा के साथ आने की चर्चा गरमा गई है. हालांकी संजीव मिश्रा को लेकर चर्चा राजनीतिक गलियारे में होती रहती है. उनके सभी दल के साथ बेहतर रिश्ते हैं. पिछले सीमांचल मिट में कई दल से नेता उनके कार्यक्रम में पहुंचे थे. मुकेश सहनी ने मंच से जिस तरह और जिस अंदाज में संजीव मिश्रा की गरीबों के लिए घर देने की योजना को सरहा और उन्हें साथ आने का निमंत्रण दिया उसके बाद से कयासों का बाजार गरम है. आगामी 7 दिसंबर को मुकेश सहनी कौन सा बड़ा फैसला लेंगे इसपर चर्चा छिड़ गई है.

सीमांचल हो या मिथिलांचल इस बात की चर्चा शुरू हो गई है की मुकेश सहनी और संजीव मिश्रा अगर साथ आ गए तो बड़ा राजनीतिक और सामाजिक समीकरण बनेगा जिससे तीव्र विकास होगा और सूबे से पालायन रोकने की दिशा में तेजी कामयाबी मिल सकती है. मुकेश सहनी ने आगामी विधानसभा चुनाव में अधिक से अधिक सीटों पर लड़ने की बात भी कह दी है. संजीव मिश्रा को मुकेश सहनी के पूर्णिया में कार्यक्रम के दौरान उनके कार्यों को सराहने और उन्हें अपने साथ आने का निमंत्रण देने के बाद छातापुर का सियासी माहौल भी गरमा गया है. राजनीति के गलियारे में मुकेश सहनी के संजीव मिश्रा को दिए गए निमंत्रण को भी बड़े फैसले से जोड़ कर देखा जा रहा है. अक्सर मुकेश सहनी अपने फैसलों से चौँकाने के लिए जाने जाते हैं. इस बार 7 दिसम्बर को कौन सा बड़ा फैसला लेंगे अभी से बिहार की राजनीति में उत्सुकता बढ़ा दिया है