छातापुर विधानसभा क्षेत्र के सोहटा पंचायत में दर्दनाक घटना – न्याय और जवाबदेही की माँग उठी
छातापुर विधानसभा-45 अंतर्गत सोहटा पंचायत स्थित उत्क्रमित उच्च विद्यालय, गिरिधरपट्टी की रसोइया

छातापुर विधानसभा-45 अंतर्गत सोहटा पंचायत स्थित उत्क्रमित उच्च विद्यालय, गिरिधरपट्टी की रसोइया श्रीमती अमला देवी का मध्यान भोजन बनाते समय झुलस जाने से दुखद निधन हो जाना अत्यंत ही पीड़ादायक और स्तब्ध कर देने वाली घटना है। यह केवल एक कर्मचारी की नहीं, बल्कि पूरे विद्यालय परिवार और समाज की अपूरणीय क्षति है।
इस हृदयविदारक हादसे के बाद से ही स्थानीय ग्रामीणजन स्कूल गेट के पास शव रखकर सड़क जाम कर न्याय की माँग कर रहे थे। उनकी पीड़ा और आक्रोश को गंभीरता से लेते हुए विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री संजीव मिश्रा घटनास्थल पर पहुँचे। उन्होंने स्थानीय जनों के साथ छातापुर अंचलाधिकारी और थानाध्यक्ष श्री शिव शंकर कुमार से वार्ता की।
संतोषजनक बात यह रही कि प्रशासन ने ग्रामीणों की माँगों को स्वीकार किया। इसके पश्चात ग्रामीणों ने शांतिपूर्ण ढंग से जाम हटाने का निर्णय लिया और शव को अंतिम संस्कार हेतु रवाना किया गया।
श्री मिश्रा ने शोक संतप्त परिजनों से मिलकर संवेदना व्यक्त की और उन्हें तत्काल आर्थिक सहायता भी प्रदान की। उन्होंने आश्वासन दिया कि पार्टी की ओर से भविष्य में हरसंभव सहयोग जारी रहेगा। साथ ही प्रशासन से माँग की गई है कि पीड़ित परिवार को जल्द से जल्द मुआवजा और सरकारी सहायता दी जाए।
ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करें और परिवार को इस असहनीय दुःख को सहने की शक्ति दें।
लेकिन एक बड़ा सवाल उठता है –
जब यह घटना पूरे गाँव और क्षेत्र को झकझोर चुकी है, तो स्थानीय विधायक, सांसद और जनप्रतिनिधि अभी तक कहाँ हैं?
क्या उन्हें अब तक घटना की सूचना नहीं मिली? या वे जनता की पीड़ा के समय अपनी जिम्मेदारियों से मुँह मोड़ चुके हैं?
दो दिन बीत जाने के बाद भी किसी भी स्थानीय प्रतिनिधि का घटनास्थल पर न पहुँचना उनकी संवेदनहीनता और गैर-जिम्मेदार रवैये को उजागर करता है।
आज ज़रूरत केवल संवेदना की नहीं, जवाबदेही की भी है।
अमला देवी जी के साथ जो हुआ, वह सिर्फ़ एक हादसा नहीं – यह सिस्टम की अनदेखी और लापरवाही का नतीजा है।
अब वक्त है कि जनप्रतिनिधि अपने दायित्वों को समझें और ज़मीनी हकीकत से जुड़ें।
विकासशील इंसान पार्टी हर पीड़ित और वंचित के साथ खड़ी है – आवाज़ उठाएगी, न्याय दिलाएगी।