बीजेपी ने आगामी लोकसभा चुनाव की जीत का प्लान किया तैयार ---मोदी के कार्य को जन जन तक पहुचाएंगे बीजेपी कार्यकर्ता .. क्या है रणनीति ?
NBL PATNA : लोकसभा चुनाव 2024 के लिए भाजपा ने अभी से तैयारी शुरू कर दी है. इसके लिए पार्टी के शीर्ष नेताओं की एक बड़ी बैठक ने अब सबका ध्यान खिंचा है. दरअसल, भाजपा के शीर्ष नेताओं की दिल्ली में एक बैठक हुई है. यह बैठक 10 घंटे से भी ज्यादा समय तक चली है. इस बैठक में भाजपा के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और संगठन महासचिव बीएल संतोष मौजूद रहे. कहा जा रहा है कि इस बैठक में आने वाले चुनाव को लेकर मंथन किया गया. साथ ही साथ कई बड़े निर्णय भी लिए गए हैं.https://youtu.be/XSKPgKU5wmQ
सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक भाजपा की बैठक लगभग 10 घंटे तक चली। इस बैठक में आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियों और संगठित मुद्दों पर चर्चा हुई है। साथ ही साथ अगले लोकसभा चुनाव के लिए किस तरीके से अभी से ही तैयारी शुरू की जाए, इसको लेकर कि नेताओं के बीच चर्चा हुई है। सूत्रों का दावा है कि इस बैठक में कई अहम फैसले लिए गए हैं जिसमें कई प्रदेश अध्यक्षों को बदलने की तैयारी है। साथ ही साथ कई प्रदेश के प्रभारियों को भी बदला जा सकता है। कई नेताओं को संगठन की जिम्मेदारी भी सौंपी जा सकती है। चुनाव के मद्देनजर भाजपा कई बड़े फैसले कर सकती है।https://youtu.be/XSKPgKU5wmQ
खबर यह भी है कि संघ के नेताओं से भी भाजपा के नेता मुलाकात कर सकते हैं। इसके अलावा मोदी सरकार के 9 साल के कामकाज को लोगों तक कैसे पहुंचाया जाए, इस पर भी जोर देने की बात की गई है और जनसंपर्क अभियान में तेजी लाने पर भी फोकस किया गया है। बैठक में पार्टी के विस्तार के अलावा मिशन साउथ पर भी चर्चा हुई है। दक्षिण भारत में लगातार भाजपा अपने जनाधार को बढ़ाना चाहती है। लेकिन कहीं ना कहीं कर्नाटक चुनाव से बड़ा झटका लगा है। वही, गठबंधन को लेकर भी चर्चा हुई है। हाल के दिनों में उपेंद्र कुशवाहा, एकनाथ शिंदे और चंद्रबाबू नायडू जैसे बड़े नेताओं ने भाजपा नेताओं से मुलाकात की है।
: इन सबके बीच बैठक में बिहार को लेकर भी अहम चर्चा होने की खबर है. अगर सूत्रों की मानें तो बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जिस तरह से विपक्ष को एकजुट करने की कोशिश में लगे हैं उससे भाजपा भी चिंतित है. वह जानती है कि कुछ ऐसे राज्य जहाँ मौजूदा समय में भाजपा इसलिए ज्यादा सीटों पर चुनाव जीतती है क्योंकि वहां त्रिकोणीय मुकाबला होता है वैसे राज्यों में अगर आमने-सामने का मुकाबला हुआ तो पार्टी को कई सीटों पर कड़ी टक्कर का सामना करना होगा. इसलिए बिहार विधानसभा चुनाव 2015 को उदाहरण माना गया जिसमें भाजपा के मुकाबले जदयू-राजद और कांग्रेस सहित अन्य दलों ने साझा चुनाव लड़कर बड़ी जीत हासिल की थी. सूत्रों के अनुसार भाजपा का शीर्ष नेतृत्व ऐसे विपक्षी गठजोड़ के खिलाफ ठोस रणनीति बनाने पर माथापच्ची कर रही है.