आरा : स्कूल तो बन गया लेकिन रास्ता बनाना भूल गए, घुटने भर कीचड़ भरे पानी में स्कूल आते-जाते हैं छात्र-छात्राएं...

आरा : स्कूल तो बन गया लेकिन रास्ता बनाना भूल गए, घुटने भर कीचड़ भरे पानी में स्कूल आते-जाते हैं छात्र-छात्राएं...

आरा : स्कूल तो बन गया, पर वहां तक पहुंचने के लिए अधिकारी रास्ता बनाना भूल गए। छात्रों को विद्यालय में जाने के लिए रोज घुटने भर पानी में घुसकर जाना पड़ता है। ये स्थिति भोजपुर जिला में चरपोखरी प्रखंड के कोयल पंचायत के मधुरी गांव स्थित प्राथमिक विद्यालय की है। लगभग 25 वर्षों से संचालित इस स्कूल में आने जाने के लिए कोई रास्ता नहीं है। बच्चे पढ़ने के लिए खेत के पगडंडी के मेड़ पर चढ़कर उसके सहारे विद्यालय जाते हैं।

ग्रामीणों ने रास्ता बनाने के लिए कई बार अधिकारियों को आवेदन दिया है। लेकिन अब तक स्कूल आने जाने के लिए सड़क नहीं बन पाया। अगर बारिश हो जाती है तो खेतो में पानी भर जाता है। खेत में पानी होने के कारण छात्र स्कूल भी नहीं जा पाते है। स्कूल में आने जाने का रास्ता बंद हो जाता है। कई बच्चे कीचड़ में गिर जाते हैं। कहा जा रहा है कि रास्ते के लिए जमीन उपलब्ध नहीं है।

आश्चर्य तो इस बात का है कि जब रास्ता का निदान नहीं हुआ तो स्कूल बनाने की स्वीकृति कैसे प्राप्त हो गई? इस संबंध में जब चरपोखरी प्रखंड के प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी अपर्णा कुमारी से बात की गई तो उन्होंने बताया कि प्रखंड के कई विद्यालय में जाने के लिए रास्ता नहीं है। इसे सूचीबद्ध कर रास्ता निर्माण कराये जाने की प्रक्रिया के लिए विभाग को सूचना दे दी गई है।

अब तक इन विद्यालयों में जाने के लिए रास्ता का निर्माण नहीं हो सका है। जिसके कारण बच्चों को काफी परेशानी उठानी पड़ती है। बच्चे पानी भरे गड्ढे में चलकर स्कूल जाने को मजबूर हैं। अब देखना ये है कि विद्यालय में जाने के लिए रास्ता कब तक बन पाता है?