संतोष मांझी के इस्तीफे के बाद कभी भी हो सकता है कैबिनेट का बिस्तार --क्या है रणनीति ?
विपक्षी दलों की महाबैठक के अगुआ बने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को बड़ा झटका लगा है. जेडीयू फोल्डर में शामिल HAM ने नीतीश का साथ छोड़ दिया है. पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह नीतीश कैबिनेट में एससी-एसटी कल्याण विभाग के मंत्री डॉ. संतोष कुमार सुमन ने मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया है. इस्तीफे के साथ ही उन्होंने नीतीश कुमार पर गंभीर आरोप लगाए हैं. इस्तीफे के बाद खबर है कि नीतीश कुमार जल्द ही कैबिनेट का विस्तार कर सकते हैं. मांझी समाज से आने वाले एक विधायक को मंत्री बनाया जा सकता है
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जल्द ही कैबिनेट का विस्तार कर सकते हैं. जीतनराम मांझी के बेटे संतोष सुमन के इस्तीफे के बाद जेडीयू बैकफुट पर है. दलित समाज खासकर जीतन राम मांझी जिस समाज (मुशहर) जाति से आते हैं, उसमें नीतीश कुमार को लेकर और नाराजगी बढ़ गई है. लोकसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री नाराजगी को और बढ़ाना नहीं चाहते. लिहाजा मंत्रिमंडल में इस समाज को प्रतिनिधित्व देने की फिराक में हैं. इसके लिए नाम तय किया जा रहा है. खबर है कि जेडीयू कोटे से विधायक रत्नेश सदा को नीतीश कुमार अपने कैबिनेट में शामिल कर सकते हैं. रत्नेश सदा सहरसा के सोनवर्षा सुरक्षित सीट से विधायक हैं. वर्तमान में विधानसभा में पार्टी के सचेतक हैं. JDU विधायक रत्नेश सदा से बात किया गया तो उन्होंने कहा कि वे आज शाम तक पटना पहुंच रहे हैं.
नीतीश कैबिनेट में जेडीयू कोटे से दलित समाज से आने वाले मंत्रियों की बात करें को वर्तमान में दो मंत्री हैं. पहला भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी और दूसरा मद्ध निषेध विभाग के मंत्री सुनील कुमार. 'हम' को भी जेडीयू फोल्डर में माना जा रहा था. अब संतोष सुमन ने इस्तीफा दे दिया है, लिहाजा डैमेज कंट्रोल के तौर पर सीएम नीतीश जेडीयू कोटे से एक और मंत्री बना सकते हैं. वैसे महागठबंधन की सरकार बनने के बाद संतोष मांझी तीसरे मंत्री हैं जिन्होंने इस्तीफा दिया है. पहला राजद कोटे से मंत्री कार्तिक मास्टर, दूसरे सुधाकर सिंह थे जिन्होंने इस्तीफा दिया था.