गिरगिट की तरह रंग बदल रहें हैं सुशील मोदी...
पटना : जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि कुछ महिनें पूर्व तक सुशील मोदी बिहार सरकार से आनंद मोहन के रिहाई की मांग कर रहे थे। और आज जब सरकार द्वारा सवैंधानिक प्रक्रियाओं के तहत आनंद मोहन की रिहाई सुनिश्चित की गई है, तो सुशील मोदी को उसी आनंद मोहन में दुर्दांत अपराधी नजर आने लगा है। यह दर्शाता है कि राजनीतिक पतन के बाद अब सुशील मोदी नैतिक पतन की ओर बढ़ रहे हैं।
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि हमारी सरकार क़ानून व्यवस्था के मामलों में तिनके भर का भी समझौता स्वीकार नहीं करती है। बिहार में क़ानून का राज है और क़ानून सम्मत करवाई के तहत ही आनंद मोहन की रिहाई की गई है। बिलकिस बानो के साथ बलात्कार जैसी जघन्य अपराध को अंजाम देने वाले दोषियों की रिहाई पर जश्न मनाने वाली भाजपा से हमें नैतिकता का ज्ञान बिल्कुल नहीं चाहिए।
जनता यह भी जानती है कि उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठते ही अपने उपर दर्ज सभी मुकदमों को ख़त्म करवा दिया था। इसीलिए भाजपा से हमें इतना कहना है कि जिनके खुद के घर शीशे के होते हैं दूसरों के घरों पर क़भी पत्थर नहीं फेंका करते।
आगे उन्होंने कहा कि भाजपा में भी कई ऐसे वरिष्ठ नेतागण हैं। जिन्होंने आनंद मोहन की रिहाई को जायज़ ठहराया है। लेकिन उनकी रिहाई से सुशील मोदी के पेट में ही सबसे ज्यादा दर्द उखड़ा हुआ है। इसीलिए अत्यधिक पीड़ा में वो बिना ज्ञान के कुतर्क कर रहे हैं। असल में सुशील मोदी सुर्खियों में बनें रहने के लिए कुछ बयानबाज़ी करते हैं।
आज आनंद मोहन पर उनका दोहरा व्यक्तवय सुनकर बेशक गिरगिट भी हैरान हो रहा होगा। सुशील मोदी ने राजनीतिक गरीमा को कलंकित किया है। पार्टी के बाद अब बिहार की जनता भी उन्हें गम्भीरता से नहीं लेती है।