बड़हरा के खेसरहिया गांव पहुंचीं पूर्व विधायिका आशा देवी, जनसंपर्क के दौरान उठाई गांव की समस्याएं...
आरा : जैसे-जैसे बिहार विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहा है वैसे-वैसे राजनीतिक हलचल तेज होती जा रही है। इसी क्रम में भोजपुर जिले के बड़हरा विधानसभा क्षेत्र की पूर्व विधायिका आशा देवी बुधवार को कोइलवर प्रखंड के खेसरहिया गांव पहुंचीं। उन्होंने मां काली मंदिर में पूजा अर्चना कर आशीर्वाद लिया और इसके बाद गांव के सैकड़ों ग्रामीणों से मुलाकात की। महिलाओं ने माला पहनाकर आशा देवी का भव्य स्वागत किया और गांव की समस्याओं को उनके समक्ष रखा।
जनसंपर्क के दौरान पूर्व विधायिका आशा देवी ने गांव की बदहाल स्थिति पर चिंता जताते हुए कहा कि “खेसरहिया गांव आने के लिए कोई ढंग की सड़क नहीं है। सभी रास्ते गड्ढों में तब्दील हो चुके हैं और उनमें साल भर पानी भरा रहता है। गांव के लोगों की हालत नारकीय बनी हुई है। जब मैं विधायक थी, तब इस गांव की सड़कों का निर्माण करवाया था, लेकिन पिछले 15 वर्षों से अब तक कोई काम नहीं हुआ।"
उन्होंने बताया कि गांव के कई लोग अब तक इंदिरा आवास, वृद्धा पेंशन और राशन कार्ड जैसी बुनियादी सरकारी योजनाओं से वंचित हैं। उन्होंने कहा कि “जब मैं आज गांव आई तो मात्र ढाई किलोमीटर की दूरी तय करने में मुझे एक घंटे का समय लग गया। इस इलाके के वर्तमान विधायक ने यहां कोई काम नहीं किया है। मैं हमेशा अपनी जनता के साथ खड़ी हूं। अगर मुझे दोबारा मौका मिला तो अधूरे कामों को पूरा करूंगी।”
इस दौरान गांव की महिला अनीता देवी ने बताया कि “कायमनगर से खेसरहिया की दूरी पहले 10 से 15 मिनट में तय हो जाती थी, लेकिन अब खराब सड़कों के कारण एक घंटे से ज्यादा समय लग जाता है। कई बार दुर्घटनाएं हो चुकी हैं, खासकर रात में तो परेशानी और भी बढ़ जाती है।” उन्होंने बताया कि गांव में शौचालय तक नहीं मिला है और सरकारी योजनाएं यहां तक नहीं पहुंची हैं।
अनीता देवी ने यह भी आरोप लगाया कि “विधायक और सांसदों तक शिकायत की गई, लेकिन आज तक कोई हल नहीं निकला। गरीबों के घरों में लगाए गए स्मार्ट मीटर से बिजली बिल बढ़ गया है, जिससे लोग परेशान हैं। नेता सिर्फ वोट के समय आते हैं, लेकिन बाद में गांव और गरीबों की सुध नहीं लेते।”
जनता की नाराजगी और पूर्व विधायिका की सक्रियता से यह साफ है कि आगामी विधानसभा चुनाव में खेसरहिया जैसे पिछड़े गांवों की समस्याएं एक बड़ा मुद्दा बनने जा रही हैं।