दलित- पिछड़ों को बलि का बकरा बना रही नीतीश सरकार...
पटना : भाजपा ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय महामंत्री एवं बिहार भाजपा प्रवक्ता डॉ० निखिल आनंद ने सासाराम दंगा मामले में बीजेपी के पूर्व विधायक जवाहर प्रसाद की गिरफ्तारी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि सासाराम में सांप्रदायिक हिंसा और दंगा पूरी तरह से राज्य सरकार द्वारा निर्देशित और प्रायोजित था। भाजपा सम्राट अशोक की जयंती सासाराम में मनाने जा रही थी। जिसमें गृहमंत्री अमित शाह मुख्य अतिथि थे। नीतीश कुमार ने अपनी निजी प्रतिष्ठा का सवाल बना कर रोकने की कोशिश की।
निखिल आनंद ने कहा कि नीतीश सरकार दलित- पिछड़ों को बलि का बकरा बना रही हैं। सासाराम और नालंदा के दंगों में पीड़ित समाज से ही आरोपी भी घोषित करवाकर नीतीश कुमार मुस्लिम तुष्टिकरण की राजनीति को बढ़ावा दे रहे हैं। निखिल ने दावा करते हुए कहा कि नालंदा और सासाराम के राज्य प्रायोजित दंगे में मारे गए व्यक्ति ओबीसी समाज से संबंधित थे। दंगे के बाद भयवश शहर से पलायन करने वाले लोग दलित, ईबीसी और ओबीसी समुदाय के थे। और अब साफ हो चुका है कि नीतीश सरकार पिछड़ा और अति- पिछड़ा नेताओं को इस मामले में बलि का बकरा बनाना चाहती है।
निखिल आनंद ने कहा कि भाजपा नेता जवाहर प्रसाद एक पिछड़े समाज के राष्ट्रवादी नेता हैं। जो सासाराम विधानसभा का 5 बार प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। नीतीश सरकार जवाहर को और अन्य पिछड़े- अति पिछड़े समाज के नेताओं को अपराधी के रूप में दर्ज करना चाहती है। मुस्लिम तुष्टिकरण की राजनीति करने के लिए बिहार सरकार इतने निचले स्तर का सहारा ले रही है। यहां तक कि सीएम नीतीश के गृहक्षेत्र नालंदा में भी दंगे के दौरान एक व्यक्ति की हत्या कर दी गई। जो ओबीसी कुशवाहा समाज के हैं। सीएम नीतीश पूरी तरह से दलित, पिछड़ा और अति- पिछड़ा विरोधी राजनीति खेलने के लिए मन बना चुके हैं। नीतीश कुमार को आने वाले दिनों में बिहार की जनता और भाजपा द्वारा करारा जवाब दिया जाएगा।