जेल से निकलते ही आनंद मोहन ने मायावती को दिया करारा जवाब ..

जेल से निकलते ही आनंद मोहन ने मायावती को दिया करारा जवाब ..

NBL News Desk: बिहार के बाहुबली और पूर्व सांसद आनंद मोहन की रिहाई का नोटिफिकेशन जारी होने के बाद सियासी गलियारे में हलचल तेज है. सोमवार (24 अप्रैल) को उनके बेटे चेतन आनंद की सगाई थी और इसी दिन रिहाई की भी खुशखबरी मिल गई. आनंद मोहन ने कहा कि उनके बारे में जो बातें फैलाई जा रही हैं कि उनकी रिहाई के लिए जेल कानून में बदलाव हुआ. यह सब वह झेलते रहेंगे. उन्होंने कहा कि मंत्री परिषद का जो फैसला आया है उसमें जिक्र है कि हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के आलोक में नियम को विलोपित किया जाता है. जेल नियमों में बदलाव हुआ. यह नियम मेरे पर लागू नहीं हुआ. यह नियम 2012 में आया. मुझे सजा 2007 में हुई. यह नियम तो 2012 के बाद न लागू होगा.

2024 में लोकसभा का चुनाव है. इसको लेकर किए गए सवाल पर आनंद मोहन ने कहा कि लाभ लेने की कोशिश महागठबंधन नहीं करेगा. उनके समाज के लोगों को खुश कर वोट लेने की यह कवायद नहीं है. कहा कि वह स्वतंत्रता सेनानी परिवार से हैं. बैकवर्ड या फॉरवर्ड की राजनीति में विश्वास नहीं रखते. वह जेपी आंदोलन की उपज हैं. आनंद मोहन ने कहा कि मेरी फितरत नहीं कि राजपूत की राजनीति हम करें. 100 फीसद समाज की राजनीति करते रहे हैं. आगे भी करेंगे. सक्रिय राजनीति में रहेंगे. 2024 के लोकसभा चुनाव पर कहा कि मजबूत सत्ता के खिलाफ एक लंगड़ा विकलांग विपक्ष लड़ाई नहीं लड़ सकता.

आनंद मोहन ने बसपा सुप्रीमो मायावती के आरोपों पर करारा जवाब दे दिया है. आनंद मोहन ने साफ तौर पर कहा डाला है कि कौन मायावती हम नहीं जानते हैं. उन्होंने कहा कि सत्यनारायण भगवान की पूजा में कलावती का नाम सुना था. आनंद मोहन ने कहा कि एक मजबूत opposition होना चाहिए. समय आने दीजिए आगे की राजनीतिक राह तय करेंगे अपने साथियों के साथ बैठकर फैसला करेंगे. 

बिहार के पूर्व सांसद और हत्या के दोषी आनंद मोहन सिंह फिलहाल अपने बेटे की शादी के लिए 15 दिनों की पैरोल पर बाहर हैं. उन्होंने कहा, "मैं यहां समारोह के बाद जेल लौटूंगा और जब रिहाई के आदेश आएंगे, तब मैं आप सभी को बुलाऊंगा.''

बता दें कि बिहार के बाहुबली और पूर्व सांसद आनंद मोहन की रिहाई के नीतीश सरकार के फैसले को लेकर बिहार में सियासत तेज है. आरोप-प्रत्यारोप का दौर चल रहा है. आनंद मोहन के पहले इस मामले में जनता दल यूनाइटेड के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने भी मायावती के आरोपों पर पलटवार किया है. उन्होंने ट्वीट किया ''आनंद मोहन की रिहाई पर अब भाजपा खुलकर आई है. पहले तो यूपी की अपनी बी टीम से विरोध करवा रही थी.

बीएसपी चीफ मायावती ने बाहुबली की रिहाई पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा था, "बिहार की नीतीश सरकार द्वारा, आन्ध्र प्रदेश (अब तेलंगाना) महबूबनगर के रहने वाले गरीब दलित समाज से आईएएस बने बेहद ईमानदार जी. कृष्णैया की निर्दयता से की गई हत्या मामले में आनन्द मोहन को नियम बदल कर रिहा करने की तैयारी देश भर में दलित विरोधी निगेटिव कारणों से काफी चर्चाओं में है."

मायावती ने आगे लिखा, "आनन्द मोहन बिहार में कई सरकारों की मजबूरी रहे हैं, लेकिन गोपालगंज के तत्कालीन डीएम श्री कृष्णैया की हत्या मामले को लेकर नीतीश सरकार का यह दलित विरोधी व अपराध समर्थक कार्य से देश भर के दलित समाज में काफी रोष है. चाहे कुछ मजबूरी हो किन्तु बिहार सरकार इस पर जरूर पुनर्विचार करे."