बिहार सरकार खनन माफिया, शराब माफिया और आपराधिक गिरोहों को दे रही संरक्षण, शिक्षा पूरी तरह से चौपट...
पटना : "गोवा के मुख्यमंत्री का बयान को आधार बनाकर कुछ राजनीतिक दल कुंठा अभिव्यक्ति करने में लगे हैं, उन्हें अपने गिरेबान में झांकना चाहिए। बिहार में सभी स्तरों की शिक्षा पूरी तरह से चौपट है और रसातल के गर्त में चली गई है।
बिहार में औद्योगीकरण की गुंजाइश जो एनडीए सरकार के दौरान बन रही थी वह पूरी तरह से खत्म हो गई है। कानून व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त है। बिहार पलायन की भयंकर मार झेल रहा है। आर्थिक चुनौतियों से जूझ रहे बिहार और बिहारियों को देशभर में कामगार- मजदूर के तौर पर जीवनयापन करना पड़ रहा है और उनके भेजे पैसे से ही उनका घर- परिवार चलता है। इक्का-दुक्का अगर आपराधिक घटनाओं में कोई संलिप्त हो संभव है लेकिन सामूहिक छवि नहीं बनाया जा सकता है।
बिहार एक बार फिर देश- दुनिया में परसेप्शन के स्तर पर छवि निर्माण को लेकर चुनौती से जूझ रहा है। बिहार सरकार की मुस्लिम तुष्टिकरण और जातिवादी छवि बन रही है। यही नहीं बिहार सरकार जिस तरह से खनन माफिया, शराब माफिया और संगठित आपराधिक गिरोहों को संरक्षण दे रही है। उससे भी सरकार कि भद् पीट रही है और बिहार बदनाम हो रहा है।"