नीतीश कुमार ने जितन राम मांझी को बताया विभीषण --घर के भेदी थे मांझी .. क्या है सियासी सरगर्मी ?
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी को लेकर सीएम नीतीश कुमार ने शुक्रवार को बड़ा दावा किया. उन्होंने कहा की जीतन राम मांझी भले ही हमारे साथ महागठबंधन में थे लेकिन वे हमारी तमाम बातों को भाजपा तक पहुंचाते थे. इसी कारण नीतीश कुमार ने मांझी को कहा था कि या तो वे अपनी पार्टी हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा का विलय जदयू में करें या फिर महागठबंधन से अलग हो जाएं. जदयू विधायक रत्नेश अदा के शपथ ग्रहण समारोह के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने संवाददाताओं से बात करते हुए ये बातें कहीं.
उन्होंने कहा कि हमने डिसाइड किया था कि बीजेपी से हम अलग हो जाएंगे. एनडीए में रहते हुए हमारे लोगों को बीजेपी के नेता सपोर्ट नहीं करते थे. वर्ष 2014 में हमने सीएम पद से रिजाइन कर दिया था. हमने अपनी जगह जीतन राम मांझी को मुख्यमंत्री बना दिया जबकि उस समय जदयू में कोई नहीं चाह रहा था कि हम उसको सीएम बनाएं. नीतीश ने कहा कि हमने मांझी को इसलिए सीएम बनाने के बारे में सोचा कि हम हटेंगे तो हम एक शेड्यूल कास्ट का व्यक्ति बिहार का मुख्यमंत्री बनेगा. इसलिए हमने उन्हें सीएम बनवा दिया.
नीतीश ने कहा कि अब एक बार फिर से जीतन राम मांझी हमारे साथ महागठबंधन में थे लेकिन मांझी बीजेपी के लोगों से मिल रहे थे. उसके बाद हमारे यहां भी आकर कह रहे थे कि यह हुआ वह हुआ. यह सब बात हम तो जानते ही थे. इसलिए हमने उनसे साफ कह दिया कि हमने आपको बनाया है या तो आप अपनी पार्टी को मर्ज कीजिए और नहीं होना है तो अलग हो जाए. नीतीश ने मांझी पर महागठबंधने में रहते हुए भाजपा के लिए काम करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि इसलिए हमने उनसे कहा, या तो आप जदयू के साथ हम का विलय करें या फिर अलग हो जाएं.
सीएम नीतीश ने कहा कि 23 जून को विपक्ष की मीटिंग होती. अगर मांझी जैसे लोग उस मीटिंग रहते तो अंदर जो कुछ भी बोला जाता वह सब बीजेपी को खबर होती. इसीलिए हमने कहा कि या तो आप मर्ज करिए या अलग हो जाइए. इसलिए मांझी को अलग रास्ता अख्तियार करने कहा.