नीतीश-लालू की सरकार दलित राज्यपाल को कर रही है अपमानित : सम्राट चौधरी

नीतीश-लालू की सरकार दलित राज्यपाल को कर रही है अपमानित : सम्राट चौधरी
नीतीश-लालू की सरकार दलित राज्यपाल को कर रही है अपमानित : सम्राट चौधरी

NBL PATNA : विश्वविद्यालयों में कुलपति की नियुक्ति को लेकर कुलाधिपति ( राज्यपाल) और शिक्षा विभाग के टकराव पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने नीतीश सरकार पर बड़ा हमला किया है। श्री चौधरी ने कहा है कि नीतीश-लालू की सरकार दलित राज्यपाल को अपमानित कर रही है। उन्होंने कहा है कि नीतीश सरकार ने बिहार में संवैधानिक व्यवस्था के खात्मे के लिए सुपारी जारी की है। सरकार संवैधानिक व्यवस्था की हत्या कर रही हैं। एक भी नया विश्वविद्यालय अपने बूते शुरू नहीं करने वाले नीतीश कुमार- लालू प्रसाद की सरकार में सभी पुराने विश्वविद्यालयों को बरबाद करने के लिए शिक्षा विभाग को सुपारी दी गई है। 

श्री चौधरी ने कहा कि विश्वविद्यालयों में कुलपति की नियुक्ति का पूरा अधिकार राज्यपाल को है। बिहार यूनिवर्सिटी एक्ट 1976 के सेक्शन 10 के तहत  राज्यपाल ही कुलपतियों की नियुक्ति करते हैं। लेकिन नीतीश सरकार इस वक्त पूरी तरह लालू यादव और तेजस्वी यादव के दबाव में अनाप-शनाप निर्णय ले रहे हैं और हर जगह योग्य लोगों की जगह अपने लोगों को सेट करने के लिए संवैधानिक व्यवस्था को ही खत्म करने का प्रयास कर रहे हैं। 

उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग का विश्वविद्यालयों के संचालन से कोई लेना देना नहीं है, लेकिन बीते कुछ सालों में नीतीश सरकार ने योजनाबद्ध तरीके से विश्वविद्यालयों का नियंत्रण अपने हाथ में लेने का प्रयास किया है, ताकि शिक्षा के लिए आवंटित सबसे बड़े बजट की राशि का बंदरबांट आसानी से हो सके। 

श्री चौधरी ने कहा है कि विश्वविद्यालय के एकेडमिक काउंसिल, सिंडिकेट की अध्यक्षता कुलपति करते हैं और शिक्षा विभाग के अधिकारी उसके सदस्य होते हैं। ऐसे में कैसे शिक्षा विभाग के अधिकारी विश्वविद्यालय के कुलपति का वेतन रोक सकते हैं? कुलपति की नियुक्ति के लिए सर्च कमेटी राजभवन बनाती है, तो शिक्षा विभाग ने कैसे आवेदन जारी कर दिया? नीतीश कुमार अविलंब शिक्षा विभाग के असंवैधानिक कदमों को रोकें या बिहार की जनता को बता दें कि उन्होंने सारे नियम- कानून लालू यादव के चरणों में समर्पित कर दिए हैं।