कराय परशुराय प्रखण्ड में बिजली आना ईश्वर से दर्शन होने जैसा : राजू दानवीर

कराय परशुराय प्रखण्ड में बिजली आना ईश्वर से दर्शन होने जैसा : राजू दानवीर
कराय परशुराय प्रखण्ड में बिजली आना ईश्वर से दर्शन होने जैसा : राजू दानवीर

PATNA NBL:कराय परशुराय/नालंदा : जन अधिकार युवा परिषद के प्रदेश अध्यक्ष राजू दानवीर ने आज एक बार फिर से किसानों की समस्या को लेकर कहा कि कराय परशुराय प्रखण्ड में बिजली आना ईश्वर से दर्शन होने जैसा है। उचित मात्रा में बिजली की आपूर्ति नहीं होने से कराय परशुराय प्रखण्ड के किसानों की हालत दयनीय हो गई है। उन्होंने कहा कि यहाँ के किसानों के लिए पटवान का एक मात्र साधन बिजली है। और जब बिजली की बत्ती ही गुल है और इसका कोई स्थाई समाधान फिलहाल नजर भी नहीं आ रहा है।

दानवीर ने उक्त बातें आज नालंदा के कराय परशुराय प्रखण्ड अंतर्गत गाँव गालिमपुर में कहीं, जहां वे विनय कुमार जी के घर गए थे, जिनकी दादी माँ का कल रेल दुर्घटना में निधन हो गया था। वहाँ जाकर उन्होंने शोक संतप्त परिजनों से मिलकर अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की। साथ ही उनके परिजनों को ढाढ़स बँधाया। इसके बाद वहीं पर उनसे प्रखंड के किसानों ने वहाँ पटवन की समस्या से अवगत कराया, जिसके उपरांत राजू दानवीर ने कहा कि मुख्यमंत्री के गृह जिले में किसानों को पानी के लिए बिजली ना मिलन दुर्भाग्यपूर्ण है।  

दानवीर ने कहा कि कराय परशुराय प्रखण्ड में पानी का स्तर बहुत नीचे चला गया है और डीजल की कीमत यहाँ के किसानों के जेब से बहुत ऊपर। पर्याप्त मात्रा में यहाँ बारिश भी नहीं हुई है। इस स्थिति में किसानों के पास एक ही विकल्प बिजली से चलने वाले पंप बचते हैं। लेकिन बिजली की भी अल्प आपूर्ति से खेतों में पटवान बाधित है। इस समस्या को दानवीर ने पूर्व में भी उठाया था और कहा था कि अगर हालत नहीं सुधरे तो जन अधिकार पार्टी आन्दोलन करेगी। जिसके बाद यहाँ ग्रिड में ट्रांसफार्मर तो लगाए गए, लेकिन व्यवस्था वैसे ही बदहाल रही है। यह चिंताजनक स्थिति है। बिना पानी धान के फसल बड़े पैमाने पर बर्बाद हो गए। इससे किसान बेहद निराश है। इसलिए हम एक बार फिर से कहना चाहते हैं कि कराय परशुराय प्रखण्ड में अविलंब उचित मात्र में बिजली के आपूर्ति हो, वरना हम आंदोलन को मजबूर होंगे।

 

मौके पर संजीत कुमार, मनीष यादव, राहुल यादव, प्रमोद यादव, गुलशन कुमार,जितेंद्र यादव, सुजीत यादव, प्रदीप यादव ,अजीत कुशवाहा, नवीन कुमार, रवि कुमार, आनंद गुप्ता, अखिलेश कुमार समेत सैकडों कार्यकर्ता व किसान रहे।