भाजपा से गठबंधन करने पर संतोष मांझी को मिल सकता राज्यपाल का पद ---साथ ही कैबिनेट में मिल सकता है बड़ा पद .. क्या है रणनीति ?
बिहार की राजनीति जीतन राम मांझी ने नीतीश कुमार की महागठबंधन से अपनी राहें अलग कर ली है। जिसके बाद अब चर्चा शुरू हो गई है कि अब वह एनडीए के साथ अपने राजनीतिक सफर को आगे बढ़ा सकते हैं। हालांकि मांझी के बेटे और हम के अध्यक्ष संतोष सुमन ने इससे इनकार कर दिया है। वहीं जानकार मान रहे हैं कि भले ही अभी वह इनकार कर रहे हों, लेकिन अंत में वह भाजपा के साथ ही आगे बढ़ेंगे।
चर्चा इस बात को लेकर भी है कि मांझी को अमित शाह ने आश्वासन दिया है कि वे एनडीए के साथ आएं तो उन्हें किसी सूबे में राज्यपाल बना कर भेजा सकता है। उनके बेटे का एमएलसी पद तो सुरक्षित रहेगा ही, अगर एनडीए बिहार में सरकार बनाता है तो डेप्युटी सीएम का पद या मंत्रिमंडल में महत्वपूर्ण विभाग मिलना पक्का है।
दरअसल, मांझी और नीतीश कुमार के बीच दूरियां तब ही आनी शुरू हो गई थी, जब मांझी ने अमित शाह से मुलाकात की थी। जीतन राम मांझी ने अमित शाह से मुलाकात की जो वजह बताई थी, बात उससे इधर है। मांझी ने मुलाकात के बाद कहा था कि दशरथ मांझी और कर्पूरी ठाकुर जैसे लोगों को भारत रत्न देने की बात करने वे अमित शाह से मिले थे। संतोष के इस्तीफे के बाद अटकलों में थोड़ा दम दिखने लगा है।