भोजपुर में डेंगू का कहर जारी, एक की मौत, अस्पताल में मरीजों की संख्या बढ़ी...

भोजपुर में डेंगू का कहर जारी, एक की मौत, अस्पताल में मरीजों की संख्या बढ़ी...

आरा : आरा समेत पूरे जिले में डेंगू की लगातार मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। डेंगू से ग्रसित मरीजों की संख्या 10-15 दिनों से लगातार बढ़ रही है। सदर अस्पताल के ओपीडी और इमरजेंसी वार्ड में डेंगू के लक्षण वाले मरीज ज्यादा आ रहे है। जिले के लगभग 26 लोग इस बीमारी की चपेट में आ चुके हैं। हालांकि सदर अस्पताल में इस बीमारी से संबंधित 21 मरीजों को भर्ती कर इलाज किया गया, जिसमें से नौ मरीजों के स्वस्थ होने के बाद उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया। वहीं, एक महिला मरीज की गंभीर स्थिति की देखते हुए पटना रेफर किया गया था, जहां उसकी मौत हो गई। महिला शहर के टाउन थाना क्षेत्र के कबीरगंज वार्ड नंबर 30 के निवासी अमित कुमार की 23 वर्षीय पत्नी रजनी कुमारी थी।

रजनी कुमारी को डेंगू हुआ था। जिसकी वजह से परिजनों ने आरा सदर अस्पताल के डेंगू वार्ड में भर्ती कराया था। लेकिन मंगलवार की रात को ही महिला के परिजनों ने बेहतर इलाज के लिए उसे पटना ले गए थे। जहां महिला की स्थिति में सुधार नहीं होने से परिजनों द्वारा उसे दोबारा उसे आरा सदर अस्पताल लाया जा रहा था,जहां उसने रास्ते में ही दम तोड़ दिया। जिसके बाद परिजनों ने आरा सदर अस्पताल की लचर व्यवस्था पर सवाल उठाना शुरू कर दिया।

मृतक महिला राजनी कुमारी के पति अमित कुमार ने बताया कि बारह दिन पहले रजनी कुमारी ने एक बच्चे को जन्म दिया था। उस टाइम भी डेंगू के लक्षण दिखाई दे रहे थे। जांच के बाद डेंगू पाया गया था। जिसके बाद आरा सदर अस्पताल के डेंगू वार्ड में भर्ती कराया गया था। लेकिन अमित कुमार का कहना है कि डॉक्टर टाइम पर बिल्कुल भी जांच या देखने नहीं आते थे। केवल पानी चढ़ाया जाता था। जिससे मेरी पत्नी में सुधार नहीं हुआ। बाद में हम लोग पटना पीएमसीएच ले गए। लेकिन वहां भी सेम स्थिति थी। जिसके बाद हमलोग दोबारा सदर अस्पताल ले आए। जहां डॉक्टर ने जांच कर मृत घोषित कर दिया।

गुरुवार को भी डेंगू से ग्रसित चार नए मरीजों को सदर अस्पताल में भर्ती किया गया। फिलहाल सदर अस्पताल के डेंगू वार्ड में 11 मरीज भर्ती हैं। हालांकि निजी जांच घरों में जांच के दौरान ससपेक्टेड लगभग 70 डेंगू के मरीज पाए जाने की बात भी सामने आई है, जिसमें से अधिकांश मरीजों का इलाज शहर के निजी क्लीनिक या पटना समेत अन्य शहरों में चल रहा है।

वहीं सदर अस्पताल में डेंगू के मरीजों के लिए अलग वार्ड बनाया गया है। एसीएमओ व अस्पताल प्रबंधन की ओर से इस बारे में अलग-अलग संख्या बतायी जा रही है। एसीएमओ के मुताबिक, सदर अस्पताल में 10 बेड वाला डेंगू वार्ड बनाया गया है। वहीं अस्पताल प्रबंधन की ओर से बताया गया कि दो वार्ड में 16 बेड लगाया गया है। भर्ती मरीजों की संख्या के बारे में भी विरोधाभास है।

सही तरीके से प्रबंधन और मॉनिटरिंग नहीं होने से अस्पताल व मलेरिया विभाग के प्रबंधन पर सवाल उठाये जा रहे हैं। अस्पताल में भर्ती मरीजों के परिजनों के मुताबिक डेंगू वार्ड के लिए अलग से डॉक्टर की प्रतिनियुक्ति नहीं की गयी है। मेडिकल वार्ड में राउंड लगाने वाले डॉक्टर ही सुबह-शाम देखने आते हैं। पूरी दिन और रात मरीजों को डॉक्टरों के लिए इंतजार करना पड़ता है। गंभीर स्थिति होने पर इमरजेंसी वार्ड में दौड़ लगाना पड़ता है।