आरा : 140 दिनों से लंबित पड़ा मामला, पीड़ित महिला सिपाही को न्याय का इंतजार...
आरा : अमूमन हर केस में पीड़ित महिलाओं को पुलिस से ही न्याय की आस रहती है। लेकिन, अगर पीड़िता खुद पुलिस में हो तो वह न्याय के लिए आखिर कहां जाएं ? जी हां, यह दर्द भरी कहानी एक ऐसी महिला सिपाही की है जो अपने विभाग के साथियों की शिकार हैं। प्राथमिकी के करीब 140 इतने दिनों बाद भी कांड का पर्यवेक्षण रिपोर्ट लंबित पड़ा हुआ है। ऐसे में वह न्याय के लिए कई बार हाकिमों के यहां भी गुहार लगा चुकी हैं।
आश्चर्य की बात यह है कि आरोप किसी आम आदमी पर नहीं है, बल्कि विभाग से ही जुड़े एक पूर्व थानाध्यक्ष पर है। मामला अभी तक पुलिस की फाइलों में अनुसंधान अन्तर्गत है । भोजपुर पुलिस में कार्यरत पीड़ित महिला सिपाही अगस्त 2020 से नवंबर 2022 तक संदेश थाना के सीसीटीएनएस में कार्यरत थी। आरोप है कि पंचायत चुनाव के समय से ही तत्कालीन थानाध्यक्ष दीपक झा द्वारा महिला सिपाही को परेशान किया जा रहा था। महिला सिपाही को गलत तरीके से छूने का प्रयास किया जा रहा था। एकांत में अश्लील भाषा का प्रयोग किया जा रहा था।
इसे लेकर महिला ने पहले तत्कालीन एसपी संजय कुमार सिंह के पास शिकायत की थी। जिसके बाद जांच के लिए तत्कालीन एएसपी हिमांशु कुमार के नेतृत्व में एक टीम गठित की गई थी। इसमें महिला एवं पुरूष इंस्पेक्टर भी शामिल थे। विभाग जांच के बाद सिपाही के साथ छेड़छाड़ और अश्लील हरकत करने के मामले में संदेश के तत्कालीन थानाध्यक्ष दीपक झा पर निलंबन की गाज गिरी थी। एएसपी की जांच रिपोर्ट के आधार पर एसपी की ओर से उनको निलंबित कर दिया गया था।
विभागीय अनुमति मिलने के बाद पीड़ित महिला सिपाही ने 26 फरवरी 2023 को आरा के महिला थाना में पूर्व थानाध्यक्ष दीपक झा के विरुद्ध नामजद प्राथमिकी कराई थी। जिसमें लज्जा भंग करने एवं शारीरिक शोषण किए जाने का गंभीर आरोप लगाया गया था।
“मामले की जांच चल रही है। सीसीटीवी फुटेज व वीडियो की भी जांच की जा रही है। जांचोपरांत आगे की कार्रवाई की जाएगी।”
प्रमोद कुमार, एसपी भोजपुर