आरा : DM-SP को हटाने के बाद डीएसपी और थानेदार भी सस्पेंड, EVM की सुरक्षा में लगे पुलिसकर्मी की आत्महत्या का मामला...
पटना : चुनाव आयोग सख्त मोड में दिख रहा है। भोजपुर में स्ट्रांग रूम के बाहर तैनात जवान की मौत के बाद चुनाव आयोग ने डीएम और एसपी को पहले हटाया गया, अब डीएसपी और एसएचओ को सस्पेंड किया गया है। वहीं चुनाव आयोग ने EVM की सुरक्षा पर भी सवाल उठाए हैं। आयोग ने बिहार सरकार को SOP पालन करने का निर्देश दिया है। चुनावी ड्यूटी में बड़ी लापरवाही का आरोप लगाते हुए यह कार्रवाई की है।
इधर, बुधवार को शाहाबाद के डीआइजी नवीन चंद्र झा ने स्ट्रांग रूम का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने जवान की आत्महत्या के बारे में पूछताछ की और सुरक्षा कड़ी किए जाने का निर्देश दिया।
इस मामले में आयोग का मानना है कि जब एकमात्र सुरक्षाकर्मी ने खुदकुशी कर ली तो उसके बाद स्ट्रांग रूम असुरक्षित हो गया। यह चुनाव व सुरक्षा के लिहाज से बड़ी चूक है।
भोजपुर जिले के नवादा थाना का ईवीएम स्ट्रांग रूम की सुरक्षा में लगे कांस्टेबल हेमंत कुमार ने 30 मार्च को आत्महत्या की थी। इसकी शिकायत आयोग तक पहुंची। जिसके बाद आयोग ने संबंधित पर्यवेक्षण करने वाले भोजपुर के नवादा थाना के एसएचओ राकेश कुमार सिंह और भोजपुर डीएसपी परिचय कुमार को सस्पेंड करने का आदेश दिया।
आयोग ने माना है कि ईवीएम स्ट्रांग रूम और सुरक्षा के एसओपी का उल्लंघन हुआ है। सुरक्षा कर्मी की छुट्टी की मंजूरी के सुपरविजन में कमी देखी गई है। आयोग ने आगे कहा है कि इसके लिए बड़े दंड के लिए तत्काल आरोप पत्र जारी किया जाएगा। आयोग ने कहा है कि इसके लिए कोई विकल्प नहीं बचा है।
आयोग ने आगे लिखा है कि ईवीएम मैनुअल के सब्जेक्ट-2 के पैरा 2.12 में निर्धारित एफएलसी ओके मशीनों की सुरक्षा पूरी नहीं हुई। एफएलसी का उलंघन हुआ है। पत्र में कहा गया है कि भोजपुर में प्रथम स्तरीय जांच के बाद ईवीएम वाले एफएलसी स्ट्रांग रूम की 24 घंटे सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए जाने चाहिए थे। इसकी सुरक्षा के लिए राज्य सशस्त्र पुलिस का न्यूनतम एक सेक्शन तैनात किया जाए।
नवादा थाना क्षेत्र के कृषि भवन स्थित VVPAT(EVM) वेयरहाउस में तीन सुरक्षा गार्ड्स की प्रतिनियुक्ति नवंबर 2023 में की गई थी। एक गार्ड छुट्टी पर चला गया था। 30 मार्च को दूसरा गार्ड सब्जी लाने के लिए बाजार गया था, इसी दौरान तीसरे गार्ड हेमंत कुमार ने इंसास रायफल से गोली मारकर खुदकुशी कर ली। आयोग का मानना है कि जब एक गार्ड छुट्टी पर था, तो तुरंत किसी अन्य की प्रतिनियुक्ति करनी चाहिए थी। जो कि नहीं हुई।