नीतीश कुमार अपने सभी सांसदों से करे वन टू वन मुलाकात .. जानिए क्या है रणनीति ?
NBL PATNA : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रविवार से अगले तीन दिनों तक जदयू के सभी सांसदों से वन-टू-वन मुलाकात करेंगे. इसके पहले उन्होंने पार्टी के सभी विधायकों और एमएलसी से मुलाकात की थी. सीएम नीतीश का पार्टी के विधायकों और एमएलसी के बाद सांसदों से मिलने का निर्णय एक बड़ी रणनीति के हिस्से के तहत देखा जा रहा है. विशेषकर नीतीश की अपने निर्वाचित नेताओं से होने वाली मुलाकात के पीछे मुख्य कारण अगले वर्ष का लोकसभा चुनाव माना जा रहा है. इसमें सभी लोकसभा क्षेत्रों में जदयू का जनाधार मजबूत करने के लिए सांसदों को खास टिप्स दिए जाने की संभावना है.
पार्टी सूत्रों के अनुसार नीतीश कुमार अपने सभी सांसदों से उनके कामकाज को लेकर रिपोर्ट भी लेंगे. इसमें उनके अब तक के कार्यकाल में किए गए काम, क्षेत्र की मुख्य चुनौतियाँ और अगले लोकसभा चुनाव के पहले जदयू के प्रति कार्यकर्ताओं और समर्थकों को मजबूती से जोड़े रखने का मसला अहम हो सकता है. पिछले लोकसभा चुनाव में जहाँ जदयू ने एनडीए का हिस्सा बनकर चुनाव लड़ा था वहीं इस बार वह महागठबंधन में है. ऐसे में सांसदों को महागठबंधन के घटक दलों के स्थानीय नेताओं साथबेहतर सामंजस्य बिठाने का फॉर्मला नीतीश कुमार दे सकते हैं.
इसके पहले सीएम नीतीश ने अपने सभी विधायकों और एमएलसी से मुलाकात की थी. उनसे भी उनके निर्वाचन क्षेत्रों को लेकर अहम जानकारियां ली गई थी. दरअसल, नीतीश ने पहले ही संभावना जताई है कि देश में लोकसभा चुनाव समय से पहले हो सकता है. ऐसे में नीतीश ने जिस संभावना को जताया था अब उसे लेकर अंतिम रूप देने में लगे हैं. माना जा रहा है कि उन्होंने विधायकों और एमएलसी को यही कहा है कि अगर समय से पहले चुनाव होता है तो उन्हें अपने लिये अभी से तैयार रहना होगा. वहीं अब जदयू के सांसदों को भी खास निर्देश दिया जाएगा कि वे अभी से चुनावी मूड में आ जाएं. अगर समय से पहले चुनाव हुए तो भी उसके लिए जदयू तैयार रहे
वहीं नीतीश कुमार इन मुलाकातों के बहाने पार्टी की अंदरूनी स्थिति और अलग अलग निर्वाचन क्षेत्रों में जदयू की ताकत और कमजोरी का भी आकलन करेंगे. रिपोर्ट कार्ड के आधार पर जदयू यह भी तय करेगा कि किन सांसदों को अगले चुनाव में टिकट दिया जाए और किनका टिकट काटा जा सकता है. महागठबंधन के साथ जदयू के आने और विपक्ष की एकता को लेकर जदयू के विधायक, एमएलसी और सांसद क्या राय रखते थे, ऐसे मुद्दों पर भी नीतीश अपने नेताओं को टटोल रहे हैं.