बीजेपी के तत्कालीन उपाध्यक्ष विशेश्वर ओझा हत्याकांड में 7 दोषी: अपराधियों ने गोलियों से किया था छलनी, 16 अप्रैल को सजा के बिंदु पर होगी सुनवाई...
आरा : आरा सिविल कोर्ट के एडीजे-8 नीरज किशोर ने मंगलवार को भाजपा के तत्कालीन प्रदेश उपाध्यक्ष विशेश्वर ओझा की हत्या के मामले में 8 साल बाद 7 आरोपियों को दोषी करार दिया है। इसमें ब्रजेश मिश्रा, हरेश मिश्रा, उमाकांत मिश्रा, टुन्नी मिश्रा, बसंत मिश्रा, हरेंद्र सिंह और पप्पू सिंह शामिल हैं। ब्रजेश मिश्रा और हरेश मिश्रा दोनों सगे भाई है। जो पहले से जेल में बंद हैं। जबकि कोर्ट ने साक्ष्य के अभाव में 6 आरोपियों को बरी कर दिया है। 16 अप्रैल को सजा के बिंदू पर सुनाई की जाएगी।
12 फरवरी 2016 की देर शाम भाजपा के तत्कालीन प्रदेश उपाध्यक्ष सह गद्दावर नेता ओझवलिया गांव निवासी विशेश्वर ओझा एक शादी समारोह में सफारी गाड़ी से सोनवर्षा गांव गए हुए थे। लौटने के दौरान आरोपियों ने साथियों के साथ विशेश्वर ओझा पर फायरिंग कर दी। उन्हें गाड़ी को रुकवा कर गोलियों से छलनी कर मौत के घाट उतार दिया।
इस फायरिंग में विशेश्वर ओझा के समर्थक भी गोली लगने से घायल हो गए थे। घटना को सरेशाम अंजाम देने के बाद सभी आरोपित गंगा नदी पार कर भाग निकले थे। इसे लेकर मृत भाजपा नेता के भतीजा राजनाथ ओझा के बयान पर केस दर्ज कराया गया था। इसमें कारनामेपुर ओपी के सोनवर्षा गांव निवासी हरेश मिश्रा व ब्रजेश मिश्रा, उमाकांत मिश्रा, टुना मिश्रा, बसंत मिश्रा समेत सात को नामजद आरोपी बनाया गया था ।
कारनामेपुर ओपी अंतर्गत सोनवर्षा गांव में 28 सितंबर 2018 की सुबह हत्याकांड के मुख्य गवाह कमल किशोर मिश्रा को घर के पास ही पशुओं का चारा लाने के समय गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इसके बाद कमल किशोर मिश्रा के पिता श्रीमन नारायण मिश्र द्वारा गांव के ही 5 लोगों के विरुद्ध प्राथमिक की दर्ज कराई थी। 12 फरवरी 2024 को मुख्य गवाह कमल किशोर मिश्रा की हत्या के मामले में आरा कोर्ट द्वारा ट्रायल के बाद कांड के चार आरोपियों उमाशंकर मिश्रा, ब्रजेश मिश्रा, मुक्तेश्वर मिश्र और राज किशोर पाल को दोषी पाते हुए सश्रम उम्र कैद की सजा सुनाई थी।