आरा : सेना का भगोड़ा बना मोस्ट वांडेट, बिहार पुलिस ने रखा था 50 हजार इनाम; पिता से पहले बेटा चढ़ गया पुलिस के हत्थे...

आरा : सेना का भगोड़ा बना मोस्ट वांडेट, बिहार पुलिस ने रखा था 50 हजार इनाम; पिता से पहले बेटा चढ़ गया पुलिस के हत्थे...

आरा : भोजपुर जिले के चर्चित भाजपा नेता विशेश्वर ओझा हत्याकांड के गवाह कमल किशोर मिश्रा की हत्या में पकड़ा गया 50 हजार रुपये का इनामी मोस्ट वांटेड उमाशंकर मिश्रा बिहार पुलिस को झांसा देने के लिए यूपी के गोरखपुर में ट्रक ड्राइवर बनकर छिपा हुआ था।

इसका खुलासा उसकी गिरफ्तारी और पूछताछ के बाद हुआ है। पुलिस की मानें तो गाेरखपुर के किसी यादव ट्रांसपोर्टर का ट्रक चलाया करता था, जिससे किसी को शक नहीं हो। पूर्व में कोयला व चिमनी के धंधे से भी जुड़ा हुआ था। बाद में उसकी गिरफ्तारी आरा सिविल कोर्ट रमना मैदान रोड से संभव हो सकी।

भोजपुर एसपी प्रमोद कुमार ने गिरफ्तारी का खुलासा करते हुए कई महत्वपूर्ण जानकारी दी है। गिरफ्तार उमाशंकर मिश्रा शाहपुर थाना के करनामेपुर ओपी अन्तर्गत सोनवर्षा गांव का निवासी है। पहले से हत्या, आर्म्स एक्ट, रंगदारी के कई कांडों में चार्जशीटेड रहा है।

वांटेड की गिरफ्तारी के लिए बिहार एसटीएफ की अलग-अलग टीम भी कई दिनों से लगी हुई थी। भोजपुर पुलिस ने भी पांच टीमें बनाई थी, जो झारखंड और यूपी में छापेमारी अभियान चला रही थी। इस दौरान पुलिस ने उसके पुत्र अंशु मिश्रा को धर दबोचा था। लगातार बढ़ते दबाव के बाद वह ट्रेन से आरा आया था। इसके बाद किसी वकील से मिलने के कोर्ट जा रहा था, तभी एसपी को इसकी सूचना मिली। इसके बाद पुलिस ने उसे धर दबोचा।

सेना का भगोड़ा रहा है पकड़ा गया उमाशंकर...

उमाशंकर मिश्रा करीब 12 वर्षों तक भारतीय सेना में नौकरी कर वर्ष 2015 में घर भाग आया था। उमाशंकर को नौकरी के दौरान भी फौज में अनुशासनहीनता को लेकर कोर्ट मार्शल किया गया था।

मालूम हो कि 28 सितंबर वर्ष 2018 को घटित कांड के गवाह कमल किशोर मिश्रा की हत्या में पुलिस ने आरोपित उमांशकर मिश्रा क पकड़ा था। इधर, सितंबर 2022 में उमाशंकर मिश्रा अपने पिता के श्राद्धकर्म को लेकर जेल से एक महीने के लिए पेरोल पर छूटकर घर आया हुआ था। इसके बाद वह वापस जेल नहीं गया। इसके बाद कोर्ट से कुर्की वारंट निर्गत हुआ था। नौ नवंबर 2022 को पुलिस ने सोनवर्षा स्थित वांछित के घर पर कुर्की-जब्ती की थी।

धनबाद, रामगढ़ से लेकर यूपी के गोरखपुर को बना रखा था ठिकाना...

इधर, पकड़ा गया इनामी उमाशंकर मिश्रा फरारी के दौरान बिहार के पटना के अलावा झारखंड के धनबाद, रामढ़ग और यूपी के गोरखपुर में लगातार ठिकाना बदल रहा था। गिरफ्तारी के लिए यूपी और झारखंड में पिछले कई दिनों से छापेमारी चल रही थी। एसपी ने भी पांच अलग-अलग टीमों को भेजा था। बिहार एसटीएफ के भी चुनिंदा अफसर भी झारखंड में जमे हुए थे।

यूपी के गोरखपुर में भी छापेमारी हुई थी। पुलिस की मानें तो गोरखपुर में किसी के यहां ड्राइवर के रूप में ट्रक चला रहा था। पूर्व में उमाशंकर मिश्रा उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में चिमनी भट्ठा भी चलाता था। एसटीएफ एवं भोजपुर पुलिस की पूछताछ में कई बातें सामने आईं है। एसटीएफ के डीएसपी ललितेश्वर पांडेय भी पूछताछ करने आरा आए थे।

पहले बेटा और फिर इनामी पिता चढ़ा हत्थे...

वांटेड इनामी को गिरफ्तारी के प्रयास में लगी पुलिस की टीम ने पहले उसके पुत्र अंशु मिश्रा को दबोचा। इसके बाद उससे इनामी के बारे में पूछताछ शुरू की गई। पूछताछ के दौरान कई अहम जानकारी भी मिली। इसके बाद टीम को संभावित ठीकानों पर दबिश शुरू की गई। हालांकि, पुलिस ने अभी पुत्र के पकड़े जाने का खुलासा नहीं किया है।

आठ मई 2023 की रात पुलिस ने करनामेपुर ओपी के सोनवर्षा गांव में दो गुटों के करीबियों के घरों पर छापेमारी कर एक रायफल एक बंदूक एवं करीब 70 गोली बरामद किया था। उमाशंकर मिश्रा एवं उसके दो पुत्रों कृष्णा एवं अंशु मिश्रा समेत छह को नामजद किया गया था। पुलिस का मानना है कि उमाशंकर मिश्रा को पेरोल पर बाहर निकालवने में पुत्र ही की बड़ी भूमिका रही थी।