बिहार में सियासी हलचल, उपेंद्र कुशवाहा से मिले JDU के कई नेता..
NBL News Desk: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से नई दिल्ली में मुलाकात करके RLJD चीफ उपेंद्र कुशवाहा बिहार लौट आए हैं। पटना लौटने के बाद जनता दल यूनाइटेड से अलग होकर अपनी अलग पार्टी बनाने वाले उपेंद्र कुशवाहा ने जमकर सियासी तीर छोड़ा है। उपेंद्र कुशवाहा ने दावा किया है कि जदयू के अंदर और भगदड़ तय है। जदयू के कई नेता दूसरे दलों में अपना संपर्क बनाए हुए हैं। कुछ नेता उनके भी संपर्क में हैं। शनिवार को राजधानी में अपने आवास पर मीडिया से रूबरू होते हुए उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि जनता दल यूनाइटेड के लोग हमेशा डरे हुए रहते हैं। उनका डरना स्वाभाविक भी है। कुछ बचा ही नहीं है। जितने लोग हैं, नेता के रूप में अगर कार्यकर्ताओं को छोड़ दें। उसमें एक दो अपवाद को छोड़ दिया जाए। सारे लोग कहीं न कहीं अपना कनेक्शन लगाकर रखे हुए हैं। सबने अलग-अलग पार्टी में अपना संपर्क बनाया हुआ है। क्योंकि जिस समय जेडीयू डूबेगी उस समय कौन उछल कर कहां जाएगा, सबने अपना ठिकाना तलाश करके पहले से रखा हुआ है। ऐसा इसलिए कि लोगों को मालूम है कि जेडीयू अब डूबने वाली नाव है। इसे डूबने से दुनिया की कोई ताकत नहीं बचा सकती है।
सीएम नीतीश कुमार की विपक्षी एकता से जुड़े एक सवाल पर उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि 'अभी देखते जाइए ऐसे ही कहते कहते 2024 भी खत्म हो जाएगा। नीतीश जी के लिए कभी एक वक्त था। नीतीश जी ने उस वक्त का सही तरीके से इस्तेमाल किया होता तो शायद ऐसी कोई संभावना बन सकती थी। लेकिन आज की तारीख में जहां नीतीश जी खड़े हैं। अब उनकी पार्टी या जिस बेस पर खड़े हैं। वह भी उनके पक्ष में नहीं है। तो फिर कहां से हो पाएगा? वह दिखाने के लिए कुछ ऐसा करते हैं ताकि जो उनकी पार्टी है, उनके लोगों को लगे कि कुछ हो रहा है। ऐसी कोई संभावना नहीं है बल्कि यह असंभव है।'
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उपेंद्र कुशवाहा ने इस दौरान एक बड़ा दावा किया। उन्होंने कहा कि 'जदयू के नेताओं ने अलग-अलग ठिकाना तय करके रख रखा है। कोई बीजेपी में जा सकता है, कोई कहीं और जा सकता है। कई नेता मुझसे भी संपर्क बनाए हुए हैं। कुछ लोग हमारे साथ भी आ सकते हैं। अलग-अलग जगह पर लोग जाएंगे जरूर, ठिकाना सबने तलाश लिया है।' 2024 के लोकसभा चुनाव पर उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि '2024 में जो संभावना दिख रही है, यह हकीकत भी है कि नरेंद्र मोदी के सामने कोई चुनौती नहीं है। विपक्ष चुनौती देने की स्थिति में भी नहीं है। फिलहाल इसलिए 2024 तक उनके सामने कोई चैलेंज नहीं है। अकलियत के डरने से जुड़े सवाल पर उनका कहना था कि डरने की कोई जरूरत नहीं है।'
विपक्ष के अन्य नेताओं से मुलाकात नीतीश कुमार की मुलाकात पर उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि टममता बनर्जी, अरविंद केजरीवाल हों या केसीआर इन सब से आप भी जाकर मिल सकते हैं। मुलाकात से क्या होता है ? बिहार में इनका महागठबंधन है। जिसमें कांग्रेस और आरजेडी है। इन तीनों पार्टी के लोगों ने दिल्ली में नीतीश कुमार से मिलकर के कुछ कहा ? कम्युनिस्ट पार्टी की तरफ से कोई बयान नहीं आया। मुलाकात जरूर हुई। केजरीवाल जी की तरफ से भी कोई बयान नहीं है। केवल तीन पार्टी के लोगों से वहां जाकर नीतीश मिलते रहते हैं।
राज्य में जारी शराबबंदी और शराब पीने से हुई मौत पर मुआवजा देने की नीतीश कुमार की बात पर उपेंद्र कुशवाहा ने हमला बोला। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार आज की तारीख में सिर के बल खड़े हैं। आज से 10-15 साल पहले उन्होंने जो निर्णय लिया, उन तमाम निर्णय को खुद ही बदलने पर आमादा हैं। ऐसा इसलिए कि हड़बड़ी में उनको लगता है कि क्या करें कि जिससे जो लोग टूट रहे हैं वह न टूटें? मकसद केवल इतना ही है किसी की सहायता या किसी की कल्याण की बात यह कोई प्लान नहीं है। अगर प्लानिंग के तहत करना होता तो इनके साथ सत्रह अट्ठारह साल का वक्त मिला था। अमित शाह से हुई मुलाकात पर उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि 'अमित शाह जी से हमारी मुलाकात हुई तो स्वाभाविक रूप से बात भी हुई है। लेकिन एनडीए में शामिल होने का कोई निर्णय हमारी पार्टी ने नहीं किया है। गठबंधन के संदर्भ में बार-बार बोल रहे हैं। हम अपनी पार्टी में विमर्श करेंगे और राय लेने के बाद तय करेंगे कि क्या करना है? गठबंधन के बारे में क्या निर्णय लेना है? जब निर्णय लेंगे तो आपको बता देंगे।'