JDU MLC राधा चरण साह की बढ़ सकती हैं मुश्किलें, 26 साल पुराने फायरिंग मामले में कोर्ट ने दिया सुनवाई का आदेश...
आरा : जदयू एमएलसी राधाचरण शाह की मुश्किलें एक और अपराधिक मामले में बढ़ गई हैं। उनके खिलाफ दर्ज 26 साल पुराने एक मामले में अब दोबारा सुनवाई होगी। राधाचरण शाह से जुड़ा यह मामला जुलूस पर फायरिंग करने को लेकर है। करीब 26 साल पुराने इस मामले में राधाचरण पहले भी सुनवाई हुई थी लेकिन अब आरा सिविल कोर्ट के आदेश पर एक बार फिर से इस मामले की दोबारा सुनवाई होगी।
26 साल पहले आरा के नगर थाने में घटी इस घटना में उनके साथ उनके भाई शत्रुघ्न और बेटे कन्हैया सिंह पर भी गोलीबारी का आरोप है। जिसको लेकर साल आरा के नगर थाने में 113/1997 केस दर्ज कराया गया था। आरा कोर्ट में एमएलसी के खिलाफ केस करने वाले कॉम्प्लैनेनेट समता पार्टी के तत्कालीन नेता सुरेंद्र सिंह के मुताबिक घटना के बाद पुलिस ने मौके से हथियार भी बरामद किए थे। जिसके बाद एमएलसी और अन्य आरोपियों पर जान से मारने और आर्म्स एक्ट सहित कई संगीन धाराएं लगी थी।
लेकिन जेडीयू एमएलसी ने अपने पावर और पैसे के बल पर अपने ऊपर लगे गंभीर धाराओं को हटवा दिया। जिसके बाद आरा कोर्ट ने नवंबर 2022 में मौजूद असंज्ञेय धाराओं के मुताबिक एमएलसी और अन्य आरोपियों के खिलाफ आदेश जारी कर दिया। आरा कोर्ट के इस आर्डर के खिलाफ पिछले महीने पीड़ित समता पार्टी के पूर्व नेता सुरेंद्र सिंह ने जिला एवं सत्र न्यायाधीश की कोर्ट में रिविजन पिटिशन दाखिल किया था। जिसके बाद जिला जज ने मामले को एक बार फिर जेडीयू एमएलसी राधा चरण साह और अन्य आरोपियों के खिलाफ सभी गंभीर धाराओं के साथ मामले की सुनवाई चल रही थी।
केस के कॉम्प्लैनेनेट और वकील के मुताबिक जेडीयू एमएलसी राधा चरण साह ने अपने चुनावी हलफनामे में भी इस केस का जिक्र नहीं किया था। हालांकि हलफनामें में राधाचरण साह ने इस मामले का जिक्र किया गया है। आपको बता दें कि 13 सितंबर को ईडी ने राधाचरण साह को आरा के फार्म हाउस से पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर पटना ले गई थी। जिसके बाद उन्हें बेऊर जेल 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था। अब राधाचरण साह को 11 अक्टूबर तक जेल में रहना होगा।