नीतीश कुमार ने देश के 63% वोट को एकजुट कर दिया है- वशिष्ठ नारायण सिंह

नीतीश कुमार ने देश के 63% वोट को एकजुट कर दिया है- वशिष्ठ नारायण सिंह

पटना : युवा जदयू के प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक को संबोधित करते हुए माननीय राज्यसभा सांसद श्री वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार सहित तमाम राजनीतिक दिग्गजों ने छात्र जीवन से ही अपनी राजनीति की शुरुआत की थी। युवा पीढ़ी के सामने आज एक नहीं बल्कि अनेक चुनौतियां हैं। देश के प्रगति और उत्थान में सबसे अधिक योगदान उस देश के नौजवानों का होता है और हमें यह भी समझने की आवश्यकता है कि किसी भी राजनीतिक दल के लिए छात्र और युवा संगठन एक प्रयोगशाला है और प्रयोगशाला में युवाओं को प्रशिक्षित किया जाता है ताकि उस पार्टी के नीति, सिद्धांत और वसूल की समझ विकसित हो सके।

वशिष्ठ नारायण सिंह ने बताया कि आजादी के पहले जब महात्मा गांधी के नेतृत्व में ब्रिटिश शासन से मुक्ति के लिए संघर्ष चल रहा था तब उस समय नौजवान नारा लगाते थे कि ‘‘कदम कदम बढ़ाए जा, खुशी के गीत गाए जा, यह जिंदगी है कौम की कौम पर लुटाए जा’’ यानी अपने देश को आजाद करने के लिए कदम से कदम मिलाकर चलना चाहिए और कोई भी कुर्बानी देने के लिए तैयार रहना चाहिए। भगत सिंह और राजगुरु जब अपने जीवन की आहुति थी तब उन्होंने अपनी मां को एक पत्र लिखा कि ‘‘बड़ी मां मुझको बुला रही है यानी भारत माता को बड़ी माता और अपनी माता को छोटी माता कहा’’ आजादी जब मिल गई तब नारा लगा कि ‘‘जाग जाग रे नौजवान अब तो देश हुआ आजाद’’ यानी अब आजादी मिल गई अब अपनी दूसरी भूमिका को समझो और देश को संभालो। जेपी आंदोलन के समय एक नारा था ‘‘तीर पर कैसे रुकूँ मैं आज लहरों में निमंत्रण है’’ यानी देश के सामने समस्याओं का अंबार है तो विराम नहीं ले सकता और वर्तमान परिस्थिति के लिए भी सार्थक नारा यही है।

    वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि जो कमजोर है, जिनके सामने रोजी-रोटी की समस्या है, जो सामाजिक दौर में पिछे छूट गए हैं हमारे नेता श्री नीतीश कुमार उसी धारा का प्रतिनिधित्व करते हैं। उन्होने कहा कि देश आज संकट के दौर से गुजर रहा है। उपासना की स्वतंत्रता इस संसार में सभी को है लेकिन यह व्यक्तिगत है। धर्म की आड़ में अगर राजनीति को यदि बांध दिया जाए तो राजनीति का अर्थ ही राजनीति नहीं रह जाएगा और केंद्र सरकार आज इन्हीं नीतियों पर चल रही है।

उन्होने कहा कि हमने एक बार श्री नीतीश कुमार से पूछा कि आपका एजेंडा क्या है तो उन्होंने जवाब दिया गवर्नेंस, गवर्नेंस और गवर्नेंस। यानी कानून सबके लिए बराबर रहेगा। कानून की नजर में सभी बराबर दिखाई पड़ेंगे, कोई छोटा और बड़ा नहीं दिखाई पडे़गा। श्री नीतीश कुमार ने पंचायत में महिला आरक्षण देकर उदाहरण प्रस्तुत करने का काम किया। जो महिलाएं चारदीवारी में रहकर घुटन महसूस करती थी उन महिलाओं को पंचायत के प्रतिनिधित्व करने का अवसर प्रदान किया गया है। बिहार के एजेंडे पर आज देश की राजनीति में बहस चल रही है। जलजीवन हरियाली की चर्चा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हो रही है। श्री वशिष्ठ नारायण सिंह ने देश की मौजूदा हालात पर चिंता जताई और कहा कि आज देश में निर्यात घटता जा रहा है और आयात बढ़ता जा रहा है। अन्य देशों की तुलना में भारत के अंदर महंगाई बढ़ती जा रही है।

भारत की अर्थव्यवस्था आज खोखली होती जा रही है। 2 करोड लोगों को प्रतिवर्ष रोजगार देने का वादा किया गया था लेकिन रोजगार देने की बात तो दूर देश में जो नौकरियां हैं उन्हें भी छिनने की कोशिश हो रही है। हमें यह समझने की आवश्यकता है कि मंदिर, मस्जिद और गिरजाघर में अगर राजनीतिक कैद हो जाए तो राजनीति का स्वरुप बदल जाता है। भीमराव अंबेडकर, जयप्रकाश नारायण, राम मनोहर लोहिया, महात्मा गांधी जननायक कर्पूरी ठाकुर जी युवाओं की असली पूंजी है। आने वाला छह महिना देश के लिए महत्वपूर्ण है। मैं बधाई देता हूं श्री नीतीश कुमार को उन्होंने विपक्ष को एकजुट कर एक बड़ा काम किया है, 63% वोट को एकजुट करना कोई साधारण बात नहीं है।