ललन के मटन पार्टी पर जंग जारी .. नेता प्रतिपक्ष ने डीएम से किया सवाल- क्या बीजेपी निशाने पर है ललन सिंह

ललन के मटन पार्टी पर जंग जारी .. नेता प्रतिपक्ष ने डीएम से किया सवाल- क्या बीजेपी  निशाने पर है ललन सिंह
ललन के मटन पार्टी पर जंग जारी .. नेता प्रतिपक्ष ने डीएम से किया सवाल- क्या बीजेपी  निशाने पर है ललन सिंह

NBL PATNA : बिहार की राजनीति में लगातार बदलाव हो रहा है  । जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह के द्वारा मुंगेर में पार्टी कार्यकर्ताओं को दी गई मटन पार्टी सुर्खियां बटोर रही है। वहीँ नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा ने इसे लेकर बवाल शुरू कर दिया है और मुंगेर DM को पत्र लिखकर जवाब मांगा है। वहीँ उन्होंने नलजल योजना में हुए भ्रष्टाचार को लेकर भी मोर्चा खोल दिया है।

नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा ने मुंगेर के DM को पत्र लिख कर कहा कि जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष -सह- मुंगेर सासंद राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह के द्वारा क्षेत्र की जनता हेतु भोज का आयोजन किया गया। उक्त भोज के दौरान लगभग 32. हजार से ज्यादा लोगों द्वारा भोजन करने की अपुष्ट सूचना प्राप्त हुई है। जिसे लेकर उन्होंने DM से निम्नलिखित सवाल पूछा है।

1. क्या माननीय सासंद मुंगेर द्वारा जिला प्रशासन को कार्यक्रम हेतु कोई विधिवत सूचना दी गई थी या नहीं।

2. जब इतना बडा आयोजन था तो भीड़ को नियंत्रण एवं अन्य प्रशासनिक व्यवस्था हेतु जिला प्रशासन से क्या कोई आदेश निर्गत किया गया था।

3. आयोजन में लगभग 32 हजार से ज्यादा लोगों को मीट-भात परोसने की जानकारी मिल रही है। क्या निगम क्षेत्र में इतने बड़े पैमाने पर Slaughtering हेतु व्यवस्था की गई थी। जानवर का स्वस्थ्य परिक्षण एवं मांस का परिक्षण किस पशु चिकित्सक / खाद्य सुरक्षा अधिकारी द्वारा की गई थी। उक्त तीनों का प्रमाण पत्र उपलब्ध कराया जाय।

4. यदि Slaughtering स्थानीय स्तर पर हुआ तो मीट Supply करने वाले कौन थे क्या उनके द्वारा निगम से विधिवत निबंधन प्राप्त था ।

5. चूकि 32 हजार लोगों के लिए लगभग 8000 Kg यानी 8 टन मांस परोसा गया उक्त मीट का भुगतान किस व्यक्ति को किस माध्यम से किया गया ।

6. 8 टन तथाकथित बकरे के मांस की कीमत लगभग 40 लाख रुपये से ज्यादा होता है इसका भुगतान किसके द्वारा किया और किसे किया गया।

7. क्या मांस व्यवसायी द्वारा सरकार को GST का भुगतान किया गया है या नहीं।

8. जब इतने बड़े पैमाने पर आयोजन किया गया जिसमें मीट की कीमत ही लगभग 40 लाख रुपये से ज्यादा है तथा अन्य खर्च मिलाने पर यह करोड़ों रुपया से ज्यादा भोज में खर्च किया गया। क्या आयकर अधिनियम के तहत खर्च होने वाली राशि का टैक्स जमा किया गया हैं या इसमें कालाधन का उपयोग किया गया है।