फिल्म के माध्यम से मिलेट्स की महत्ता बताएगी सरकार...
नई दिल्ली : “ये दिवाली मिलेट्स वाली” थीम पर गांधी दर्शन के सत्याग्रह मंडप में आयोजित 3 दिवसीय कार्यशाला के दूसरे दिन संस्कृति मंत्रालय के सचिव गोविन्द मोहन ने बताया कि भारत सरकार मिलेट्स को आम जन तक पहुंचाने के लिए एक सिनेमा बनाने जा रही है जिससे मिलेट्स के महत्त्व को आम जन तक पहुँचाया जा सके। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने मिलेट्स को अंतराष्ट्रीय मुकाम पर पहुँचाने के लिए G- 20 में मेहमानों को भोजन में मिलेट्स को परोसा था और आज मिलेट्स से बना भोजन भारत के सभी बड़े-बड़े रेस्टोरेंट में उपलब्ध है। “ये दिवाली मिलेट वाली” थीम की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए पूर्व सांसद आर. के. सिन्हा की तारीफ की। साथ ही मिलेट्स को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा उठाये जा रहे कदमों से कार्यक्रम में आये लोगों को अवगत कराया।
समारोह को संबोधित करते हुए ट्रस्ट के अध्यक्ष और पूर्व सांसद आर. के. सिन्हा ने निरोगी काया के लिए मिलेट्स की महत्ता पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि उत्तरप्रदेश के कृषि मंत्री सूर्यप्रताप शाही ने कल बातचीत के दौरान लखनऊ में भी तीन दिवसीय मिलेट्स कार्यशाला कराने का अनुरोध किया। कार्यक्रम के दौरान पद्मश्री डाॅ खातिर वली ने प्रतिभागियों के सवालों के जवाब दिए और बताया कि स्वस्थ शरीर के लिए मिलेट्स से बने खाद्य पदार्थ क्यों जरूरी हैं।
इस अवसर पर गांधी दर्शन के उपाध्यक्ष विजय गोयल ने कहा कि गांधी दर्शन में जल्दी ही केवल मिलेट्स बनने वाले स्वादिष्ट व्यंजनों का भोजनालय भी खुलेगा।
मिलेट्स महोत्सव का आयोजन अवसर ट्रस्ट, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र और गांधी दर्शन के द्वारा किया जा रहा है। कार्यक्रम में इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र के सचिव सच्चिदानंद जोशी एवं कलाकोष के अध्यक्ष सुधीर लाल, कवि बुद्धिनाथ मिश्र सहित कई गण्यमान्य लोग मौजूद थे।
आज कार्यशाला दूसरे दिन डॉ. सरला ने यहां भाग लेने वाले 500 से अधिक प्रतिभागियों को अमली के महत्व और उसे बनाने की विधि, बाजरा और रागी से बने मिलेट्स दूध की महत्ता, उसके उपयोग और उसे बनाने की विधि विस्तार से बताई। उन्होंने प्रतिभागियों के मिलेट्स से संबंधित जिज्ञासाओं का भी समाधान किया।